
यमकेश्वर। पौड़ी प्रशासन की उदासीनता के चलते यमकेश्वर ब्लाक के हेंवल नदी घाटी में अवैध कैंपों का धड़ल्ले से निर्माण किया जा रहा है। यहां पर राजस्व की भूमि और हेंवल नदी की तलहटी जिनमें फूलचट्टी, रत्तापानी, घट्टूगाड़, बैरागढ़, मोहनचट्टी, नैल, बिजनी आदि इलाके शामिल हैं, पर इन अवैध कैंपों की बाढ़-सी आ गयी है। पौड़ी प्रशासन इन पर कार्रवाई करने के बजाय तमाशबीन बना चुप्पी साधे हुए है। इन कैंपों में रईशजादे ऐश करने के आते रहते हैं।
नदियों के 100 मीटर दायरे में निर्माण पर है रोक
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमानुसार गंगा और उसकी सहायक नदियों के करीब सौ मीटर की परिधि के अंदर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक है। सौ मीटर की परिधि के अंदर निर्माण होने पर वह अवैध माना जाएगा। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी। लेकिन यमकेश्वर ब्लाॅक के हेंवलघाटी क्षेत्र में फूलचट्टी, रत्तापानी, घट्टूगाड़, बैरागढ़, मोहनचट्टी, नैल, बिजनी आदि जगहों पर हेंवलनदी की तलहटी पर कैंप संचालित हो रहे हैं।
दर्जनों कैंप सरकारी जमीन पर संचालित
हैरत की बात है कि यहां दर्जनों कैंप ऐसे हैं जो राजस्व की भूमि पर संचालित हो रहे हैं। कैंप संचालकों के पास कैंप से निकलने वाले कूड़े की उचित व्यवस्था नहीं है। यहां आने वाले पर्यटक हेंवलनदी में गंदगी छोड़कर चले जाते हैं, जिसका मैला गंगा में समाहित हो रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बैरागढ़ क्षेत्र के ऐसे दर्जनों कैंप सरकारी जमीन पर चल रहे हैं। इस बारे में कई बार पौड़ी प्रशासन को सबकुछ पता है, लेकिन शिकायत करने के बावजूद भी वे मौन हैं। https://sarthakpahal.com/
विभागीय टीम के साथ हेंवलघाटी क्षेत्र का जल्द निरीक्षण किया जाएगा। हेंवलघाटी क्षेत्र में संचालित अवैध कैंपों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। राजस्व की भूमि पर निर्माणाधीन कैंपों को ध्वस्त किया जाएगा।
आकाश जोशी, एसडीएम यमकेश्वर