
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा से अयोग्य करार दिए जाने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। एक दिन पहले ही मोदी सरनेम विवाद में राहुल गांधी को सूरत सेशन कोर्ट ने दोषी ठहराया था। उन्हें 2 साल की सजा हुई, जमानत मिली लेकिन शुक्रवार को उनकी सदस्यता छिन गई। राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद थे। अब सवाल है कि वायनाड सीट का क्या होगा और कहीं राहुल का हाल सपा नेता आजम खां जैसा न हो जिन्हें पिछले साल अपनी सीट गंवानी पड़ी थी।
छह महीने के अंदर भरनी होती है खाली सीट
राहुल की सांसदी छिनने के बाद से ही वायनाड पर उपचुनाव की चर्चा तेज है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव करवा सकता है? जानकारों का कहना है कि उपचुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग हर कानूनी पहलू को देखेगा और राहुल गांधी के अगले कदम पर भी आयोग की नजर रहेगी। राहुल गांधी की ओर से जल्द ही ऊपरी अदालत में अपील की जा सकती है। नियम के अनुसार, खाली सीट को 6 महीने के अंदर भरना होता है।
सपा नेता आजम खान को गंवानी पड़ी थी अपनी सीट
राहुल गांधी ऐसे पहले नेता नहीं है जिनकी सांसदी छिनी हो। इससे पहले पिछले साल यूपी के रामपुर में तो सपा नेता आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम की विधानसभा की सदस्यता भी कोर्ट से दो साल या उससे अधिक की सजा मिलने के बाद रद्द कर दी गई थी।
अगर कोर्ट से राहत नहीं मिली तो..
राहुल गांधी के पास अभी फैसले के खिलाफ कानूनी रास्ते हैं जिस पर अगर उन्हें कोर्ट से राहत मिल गई तो उनकी सदस्यता बच सकती है और वह संसद में भी वापस लौट सकते हैं। लेकिन अगर राहुल गांधी की अपील पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है यानी उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई जाती है तो राहुल गांधी को एक महीने बाद दो साल के लिए जेल जाना होगा। ऐसी स्थिति में राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जन प्रतिनिधि कानून के तहत सजा पूरी होने के बाद छह साल तक राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। https://sarthakpahal.com/
वायनाड सीट पर उपचुनाव जल्द नहीं!
वहीं चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार राहुल के अयोग्य घोषित होने के बाद वायनाड सीट पर उपचुनाव कराने से पहले तमाम पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। आयोग के सूत्रों के अनुसार पहले से तय गाइडलाइंस के अनुरूप जो नियम हैं, उनके तहत आयोग कार्रवाई करेगा।