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ICSE स्कूल में मदर फादर को अम्मी अब्बू पढ़ाया जा रहा, डीएम ने शिक्षाधिकारी को सौंपी जांच

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देहरादून। जो बच्चा मम्मी-पापा बोलते-बोलते बड़ा हो रहा हो और वही बच्चा अचानक मम्मी पापा को अम्मी अब्बू बोलने लगे तो हैरानी होगी ही। दरअसल, इस तरह का एक मामला सामने आया है जिसमें बच्चे के माता-पिता ने आरोप लगाए है कि उनका बच्चा इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ता है, जहां अंग्रेजी की किताब पढ़कर उसके अंदर असामान्य बदलाव आ गया है।

अंग्रेजी की जिस किताब में माता-पिता को मदर-फादर लिखा जाना चाहिए था, उसमें अम्मी-अब्बू लिखा हुआ है। साधारण सी बात ही कि जब बच्चे को मदर फादर के बजाय अम्मी अब्बू पढ़ाया या रटाया जायेगा, तो बच्चा वही बोलेगा। बच्चे के पिता ने इसकी शिकायत देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका से की है। उनका कहना था कि मेरा बच्चा स्कूल से घर आकर हमें भी अम्मी अब्बू कहने लगा है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है।

जिलाधिकारी से यह शिकायत देहरादून निवासी मनीष मित्तल ने की है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा देवांशु मित्तल सात साल का है और आइसीएसई बोर्ड के स्कूल में कक्षा दो में पढ़ता है। अंग्रेजी विषय की गुलमोहर-दो नाम की पुस्तक के एक पाठ में मदर-फादर की जगह अम्मी-अब्बू लिखा हुआ है, जो कि घोर आपत्ति का विषय है। यदि उर्दू की पुस्तक में ऐसा लिखा होता तो उपयोग किया जा सकता है, मगर अंग्रेजी की पुस्तक में अम्मू अब्बू का उपयोग सर्वदा अनुचित और जानबूझकर की गयी साजिश है। उक्त गुलमोहर-2 पुस्तक न केवल देहरादून, बल्कि पूरे देश के ICSE माध्यम अंग्रेजी विद्यालयों में पाठ्यक्रम का भाग है और ऐसी पथभ्रष्ट करने वाली कुचेष्टा को रोकना अत्यन्त जरूरी है। https://sarthakpahal.com/

उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का प्रकाशन ओरिएंट ब्लैक स्वान हैदराबाद ने किया है। साथ ही आरोप लगाया कि अंग्रेजी की पुस्तक में इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया गया है, क्योंकि उर्दू की पुस्तक में इस तरह के शब्द उपयुक्त हो सकते हैं, लेकिन अंग्रेजी की पुस्तक में ऐसे शब्दों का प्रयोग पूरी तरह अनुचित है।

मनीष मित्तल ने जिलाधिकारी से ऐसी पुस्तक पर रोक लगाने के साथ जांच की मांग भी उठाई। वहीं, जिलाधिकारी ने इस प्रकरण को मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौंप दिया है। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की है।

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