देहरादून। अंकिता हत्याकांड मामले में बचाव पक्ष की तरफ से दलील से सब भौचक रह गये। गवाह नं. 7 खुशराज लड़का है या लड़की, इस पर सस्पेंस बढ़ गया है। बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि पुलिस बताना चाहती थी कि वनंत्रा रिजॉर्ट लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं था। यहां सब लड़के ही काम कर रहे थे। अकेली अंकिता को यहां परेशान किया गया, जबकि खुशराज भी एक लड़की है।
खुशराज की गवाही सबसे महत्वपूर्ण
अंकिता हत्याकांड में गवाह के जेंडर को लेकर विवाद सामने आया है। कोर्ट में सोमवार को गवाही के लिए पहुंचे गवाह नंबर सात खुशराज को बचाव पक्ष ने लड़की बताया है। आरोप है कि अभियोजन ने उसे जानबूझकर लड़का बताकर कोर्ट में पेश किया है। वह जन्म से लड़की ही है। बचाव पक्ष अब इसके पक्ष में साक्ष्य जुटाने की बात कर रहा है। दरअसल, अंकिता हत्याकांड में खुशराज की गवाही ही सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि सबसे पहले इसी ने अंकिता को फोन पर चिल्लाते हुए सुना था। लेकिन, बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमित सजवाण के तर्क से इसमें नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। विवाद उसके जेंडर को लेकर है। लड़का या लड़की पर खुशराज का कहना है कि उसका अभी तक कोई आधार कार्ड नहीं बना है।
इधर, अभियोजन के अधिवक्ता जितेंद्र रावत का कहना है कि पुलिस की ओर से कोई बात नहीं छुपाई गई है। खुशराज ने जब नौकरी पाई थी तो उसने जेंडर के सामने पुरुष ही लिखा था। यह बात पुलिस को भी पता है। गवाह लड़का या लड़की, इस बात को सुनने से कोर्ट ने भी इन्कार कर दिया था। ऐसे में इस बात पर विवाद उचित नहीं है। बचाव के पास यदि कोई साक्ष्य है तो वह प्रस्तुत करे। खुशराज का कहना है कि उसका आधार कार्ड नहीं बना है। https://sarthakpahal.com/