पौड़ी। रिखणीखाल-धुमाकोट क्षेत्र में बाघ द्वारा दो लोगों को निवाला बनाये जाने के बाद से लोगों की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस क्षेत्र के लोगों में बाघ का भय अभी भी बना हुआ है, क्योंकि नरभक्षी बाघ अभी भी पिंजड़े में कैद नहीं हुआ है।
बाघ के खतरे से निजात दिलाने की मांग को लेकर घोडकंद हल्दूखाल में ग्रामीणों ने धुमाकोट-कोटद्वार मार्ग पर जाम शासन-प्रशासन व वन विभाग की हीलाहवाली को लेकर प्रदर्शन कर धुमाकोट-कोटद्वार मार्ग जाम कर दिया। राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने के बाद जाम को खोला गया। आक्रोशित लोगों का कहना था कि बाघ की दहशत से क्षेत्रीय लोगों की पूरी दिनचर्या प्रभावित हो गयी है। वन विभाग इन नरभक्षी बाघों को कैद करने में नाकाम साबित हो रहा है। ग्रामीणों का कहना था कि यदि जल्द ही बाघ को कैद नहीं किया गया तो ग्रामीणों को बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसके प्रशासन जिम्मेदार होगा।
इस मौके पर ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह रावत, हर्षवरधन नेगी, संजय गौड़, ग्राम प्रधान टम्टा लक्ष्मी देवी, संजीव नेगी, चंद्रपाल सिंह, रवि नेगी के अलावा राजस्व विभाग की ओर से नायब तहसीलदार राजेंद्र बिष्ट, कानूनगो जयकृत रावत, पटवारी ज्योदि मोहन व वन विभाग से क्षेत्रीय वनाधिकारी महेंद्र सिंह रावत आदि मौजद रहे।
बाघ प्रभावित क्षेत्र में दो तक और बंद रहेंगे स्कूल
पौड़ी जनपद के धुमाकोट व रिखणीखाल क्षेत्र में लगातार बाघ की गतिविधि देखी जा रही है। इसके चलते एक बार पुनः जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर इस क्षेत्र के स्कूलों में अवकाश की तिथि को 2 मई तक बढ़ा दिया है। जिलाधिकारी पौड़ी की ओर से यह आदेश जारी किया गया है। एसडीएम लैंसडाउन ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा कि इस क्षेत्र में एक बाघ को कैद किया जा चुका है इसके बाद भी वन विभाग के लगाए कैमरों में बाघ की सक्रियता देखी जा रही है। क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों को बाघ का खतरा टलने तक बंद रखा जाए। https://sarthakpahal.com/