नर्सिंग और हास्पिटैलिटी के लिए राज्य के युवाओं को विदेशों में मिलेगा रोजगार

देहरादून। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना की घोषणा की थी। अब इस योजना के तहत विदेशों में नर्सिंग, बुजुर्गों की देखभाल, हॉस्पिटैलिटी के लिए एएनएम, जीएनएम पास युवाओं को रोजगार दिलाया जाएगा। इसके लिए 11 संस्थाओं से प्रस्ताव मिल चुके हैं। चुने हुए युवाओं को विदेशी भाषा सीखने के कुल खर्च में से 20 प्रतिशत सरकार वहन करेगी।
जापान और जर्मनी में आसान होगा रोजगार
उत्तराखंड के युवाओं को अब जापान, जर्मनी जैसे देशों में रोजगार मिलेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत सरकार ये सुविधा देने जा रही है। वहीं, केंद्र में नीति आयोग की तर्ज पर अब उत्तराखंड में सेतु (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड) को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह भी तय किया गया है कि किसी भी स्कूल, अस्पताल आदि के लिए अब जमीन की तलाश को हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में साइट सेलेक्शन कमेटी गठित की जाएगी।
11 संस्थाओं के प्रस्ताव मिले
इसके लिए 11 संस्थाओं से प्रस्ताव मिल चुके हैं। चुने हुए युवाओं को विदेशी भाषा सीखने के कुल खर्च में से 20 प्रतिशत सरकार वहन करेगी। इसके अलावा अगर संबंधित व्यक्ति प्रशिक्षण, वीजा व हवाई टिकट के खर्च के लिए लोन लेता है तो एक लाख तक की रकम के लोन के ब्याज का 75 प्रतिशत खर्च भी सरकार वहन करेगी।
नीति आयोग की तर्ज पर सेतु का ढांचा
प्रदेश में अब नीति आयोग की तर्ज पर सेतु (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड) के ढांचे को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह काम करेगा। इसके उपाध्यक्ष नियोजन मंत्री या सीएम की ओर से नामित मंत्री होंगे। इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर बाहरी विशेषज्ञ रखा जाएगा। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर अपर सचिव स्तर का अधिकारी होगा। प्रतिवर्ष दो करोड़ रुपये केंद्र से मिलेंगे। इसमें तीन सेंटर फॉर इकोनॉमी एंड सोशल डेवलपमेंट, सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस और सेंटर फॉर एविडेंस बेस्ड प्लानिंग।