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यमकेश्वर तहसील में लापरवाही का मामला: मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी पर कार्रवाई की संस्तुति

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यमकेश्वर। 29 अप्रैल को मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी डा. आनन्द भारद्वाज द्वारा राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कार्यालय के विकासखंडों से कोटिकरण संशोधन प्रस्ताव की सूची जिलाधिकारी कार्यालय को प्राप्त भेजी गयी थी। सूची में अंकित विद्यालयों के सुगम-दुर्गम के संबंध में जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने उप जिलाधिकारियों को जांच आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

रिखणीखाल के 8 विद्यालय दुर्गम में अंकित
एक मई को उप जिलाधिकारी लैंसडौन ने सुगम-दुर्गम को लेकर जांच आख्या जिलाधिकारी को प्रस्तुत की। जिसमें रिखणीखाल विकासखंड के अंर्तगत आठ विद्यालयों को मानकों के अनुसार विद्यालयों की श्रेणी को सुगम में होना बताया गया। जबकि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उपलब्ध कराई सूची में विकासखंड रिखणीखाल के आठ विद्यालयों को संशोधित श्रेणी दुर्गम में अंकित किया गया है। https://sarthakpahal.com/

जीआईसी दिउली को भी दुर्गम में दर्शाया गया
एक अन्य जांच में उप जिलाधिकारी यमकेश्वर ने जीआइसी दिउली के भी एक किमी के दायरे में राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक दो किमी की परिधि के अंर्तगत पोस्ट आफिस भी होना पाया गया। इस सब के बीच खुद जिलाधिकारी ने एक मई को तहसील यमकेश्वर के अंर्तगत जीआइसी दियूली का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय सुगम में पाया गया जबकि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने जीआइसी दियूली को दुर्गम में दर्शाया है। डीएम ने सीईओ द्वारा विद्यालयों के कोटिकरण प्रस्ताव में पारदर्शिता न अपनाने, अपने कार्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता माना है।

डीएम ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को भेजी रिपोर्ट
जिलाधिकारी आशीष चौहान ने इसमें लापरवाही व त्रुटिपूर्ण आख्या प्रस्तुत करने पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा देहरादून को पत्र भेजकर मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी डा. आनन्द भारद्वाज के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है।

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