ऋषिकेश। जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए स्वर्गाश्रम क्षेत्र में रात दिन जोर-शोर से काम चल रहा है। सड़क पर लावारिश घूमने वाले आवारा पशु प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। प्रशासन की ओर से इस तरह के मवेशियों को पंजीकृत गौशालाओं में शिफ्ट किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन प्रशासन ने रात के अंधेरे में करीब 20 गोवंश को यहां से उठाकर लक्ष्मण झूला क्षेत्र की सीमा से बाहर नीलकंठ क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में सड़क किनारे फेंक दिया गया।
गोवंशों को नीलकंठ के ग्रामीणों क्षेत्रों में छोड़ दिया गया
स्वर्गाश्रम और लक्ष्मण झूला क्षेत्र में सड़क पर घूमने वाले आवारा पशुओं की समस्या किसी से छिपी नहीं है। जी 20 के सफल आयोजन के लिए प्रशासन कोई कोर-कसर नहीं छोड़ने जा रहा, इसलिए प्रशासन को इस समस्या से निपटने के लिए गोवंश को गौशआलाओं में शिफ्ट करने को कहा गया था, लेकिन बीते शनिवार की मध्यरात्रि क्षेत्र से कई गोवंश उठाकर लक्ष्मण झूला की सीमा से बाहर नीलकंठ मार्ग पर रत्तापानी, ढोंषन और आसपास क्षेत्र में सड़क किनारे फेंक दिये गये।
ग्रामीणों के क्रोध के आगे प्रशासन के हाथ-पैर फूले
ग्रामीणों ने जब इन गोवंश को मूर्छित अवस्था में पाया तो उन्होंने इनका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो में सरकारी वाहन इन गोवंशों को ले जाते साफ देखा जा सकता है। प्रशासन के इस कृत्य के लिए क्षेत्र के ग्रामीणों ने गुस्सा जताते हुए जी-20 के मुख्य आयोजन वाले दिन 24 मई को सभी गोवंशों को आयोजन स्थल के समीप छोड़ने की चेतावनी दी है। इस घटना से प्रशासन के हाथ में फूले हुए हैं। https://sarthakpahal.com/
गोवंशों को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया : बीडीसी यमकेश्वर
श्रीराम गोसेवा समिति के सदस्य, बीडीसी ययमेश्वर सुदेश भट्ट ने बताया कि इन जानवरों को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया है, जिस कारण कई गोवंश की हालत ठीक नहीं है। एक गाय के कान में सरकारी टैग लगा हुआ था। जांच करने पर पता चला कि यह गाय वानप्रस्थ आश्रम के समीप स्थित सार्वजनिक गौशाला की है। ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत के कुछ लोग रात दो बजे गौशाला में आए थे और यहां के गोवंश को हरिद्वार स्थित एक धार्मिक संस्था की गौशाला में छोड़ने की बात कह कर ले गए थे, लेकिन उनके मवेशी को इस तरह से लावारिस फेंक दिया गया।
इंटरनेट मीडिया पर इस घटना के वीडियो तेजी के साथ प्रसारित हो रहे हैं। कई लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि इन गोवंश का संरक्षण नहीं हुआ तो 24 मई को परमार्थ निकेतन घाट पर होने वाली आरती के रोज इन सभी निराश्रित गोवंश को यहां छोड़ दिया जाएगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल श्वेता चौबे ने बताया कि जिला और तहसील प्रशासन से इस मामले में बात की जा रही है।