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गढ़वाल विवि ने dav, dvs समेत 10 महाविद्यालयों की मान्यता खत्म की, हजारों छात्रों का भविष्य अंधेरे में

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देहरादून। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल से उच्च शिक्षा लेने का मन बना रहे युवाओं के लिए एक बड़ी बुरी खबर सामने आ रही है। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि देहरादून के चार बड़े कॉलेज सहित 10 सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने का निर्णय लेकर छात्रों को बड़ा झटका लगा है।

20 हजार छात्र cuet परीक्षा देकर एडमिशन का कर रहे हैं इंतजार
ये निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब करीब 20 हजार छात्र-छात्राएं कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) स्नातक और परास्नातक दे चुके हैं और दाखिले का इंतजार कर रहे हैं। अब ये कालेज कब तक श्रीदेव सुमन विवि या अन्य विवि से संबद्ध हो पाएंगे, यह साफ नहीं हैं। इससे छात्र-छात्राएं आगे की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि ने 30 मई को कार्य परिषद की बैठक में विवि से संबद्ध 10 कॉलेजों को असंबद्ध करने का निर्णय से राज्य और केंद्र सरकार को भी पत्र भेजकर अवगत करा दिया।

राठ महाविद्यालय पैठाणी, पौड़ी गढ़वाल पर भी लटकी तलवार
गढ़वाल केंद्रीय विवि ने जिन अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता खत्म की, उनमें देहरादून का डीएवी, डीबीएस, एमकेपी, एसजीआरआर पीजी कॉलेज, डीडब्ल्यूटी कॉलेज, एमपीजी कॉलेज मसूरी, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज हरिद्वार, चिन्मय डिग्री कॉलेज हरिद्वार, बीएसएम कॉलेज रुड़की, राठ महाविद्यालय पैठाणी, पौड़ी गढ़वाल शामिल हैं।

श्रीदेव सुमन विवि में दाखिले 24 जून तक ही होंगे
छात्रों के पास एकमात्र विकल्प श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध राजकीय महाविद्यालय ही है। लेकिन, श्रीदेव सुमन विवि के कॉलेजों में दाखिले समर्थ पोर्टल से हो रहे हैं। यह पोर्टल 24 जून के बाद बंद हो जाएगा। ऐसे में छात्रों के पास केवल ज्यादा फीस भरकर निजी कॉलेजों में दाखिला लेने का विकल्प बनेगा। निजी कॉलेजों में पढ़ाना सभी अभिभावकों के बस की बात नहीं हैं।

छात्र-छात्राओं के भविष्य पर खतरा
एचएनबी गढ़वाल विवि की कार्यपरिषद को कोई भी फैसला लेने का अधिकार है, लेकिन विवि ने कॉलेजों को असंबद्ध करने का निर्णय गलत समय पर लिया। क्योंकि 10 से 15 दिन के बीच cuet देने वाले छात्र-छात्राएं दाखिले की तैयारी कर रहे थे। यदि विवि को कॉलेजों को असंबद्ध करना था तो cuet की अनिवार्यता पत्र के बजाय असंबद्धता का पत्र जारी किया जाता। आखिर विवि और कॉलेजों की संपत्ति छात्र हैं। छात्रों का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी सभी की है।
डा. केआर जैन, प्राचार्य, डीएवी पीजी कालेज

एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि की कार्यपरिषद में विवि से संबद्ध 10 कॉलेज को असंबद्ध करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से परिषद ने केंद्र और राज्य सरकार को अवगत करवा दिया है। अब कॉलेजों की संबद्धता पर सरकार को निर्णय लेना है।
प्रो. एनएस पंवार, कुलसचिव, गढ़वाल केंद्रीय विवि

गढ़वाल विवि प्रशासन की ओर से नौ मई 2023 को सीयूईटी अनिवार्यता का पत्र सभी सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों के प्राचार्य को भेजा जाता है। इसके 21 दिन बाद उन्हीं कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने का निर्णय लिया जाता है। यह किसी भी कीमत पर उचित नहीं कहा जा सकता है। कॉलेज कहीं से भी संबद्ध हो, इससे छात्र-छात्राओं को ज्यादा लेना-देना नहीं होता है, लेकिन आज की स्थिति में छात्र परेशान हैं। यह परेशानी गढ़वाल विवि ने पैदा की है।
डा.वीसी पांडेय, प्राचार्य, डीबीएस पीजी कॉलेज

कोर्ट पहुंचा मामला
लेकिन, इसी बीच सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने आदेश किया कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार निर्णय लें। केंद्र सरकार पहले ही गढ़वाल विवि को इस संबंध में निर्णय लेने का अधिकार दे चुकी थी।

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