देहरादून। उत्तराखंड में बहुचर्चित स्टिंग मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है। स्टिंग प्रकरण में cbi ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत दो मौजूदा विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट को नोटिस जारी किया है। गुरुवार को सीबीआई के अधिकारी नोटिस देने उनके घर पहुंचे। जिसकी जानकारी खुद हरीश रावत ने दी है।
दरअसल, साल 2016 के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले को लेकर बीती 20 जून को सीबीआई ने चारों नेताओं पूर्व सीएम हरीश रावत, हरक सिंह रावत, मदन सिंह बिष्ट और खानपुर विधायक उमेश कुमार के वॉयस सैंपल लेने के हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। साथ ही स्टिंग ऑपरेशन हार्स ट्रेडिंग मामले में इन नेताओं को नोटिस भी जारी किया। नोटिस जारी होने के बाद सूबे में सियासत भी जारी है। एक तरफ हरीश रावत सीबीआई के नोटिस को लेकर लगातार प्रतिक्रियां दे रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी पर भी निशाना साध रहे हैं। https://sarthakpahal.com/
आगे बढ़ते रहेंगे, घेरा डलता रहेगा: हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने cbi का नोटिस जारी होने के बाद वीडियो जारी कर अपना पक्ष बयां किया। उन्होंने कहा कि जब तक वह विपक्ष के रूप में सत्य बोलेंगे, आगे बढ़ते रहेंगे, 2016-17 में उनके विरुद्ध षडयंत्र करने वाले उनके चारों ओर घेरा डालते रहेंगे। उनकी सरकार के दौरान इन्हीं ताकतों ने उत्तराखंडियत की ओर बढ़ती उनकी राह को खंडित कर दिया था। उन्होंने कहा कि जितनी भी जांच होंगी, वर्ष 2016 के घटनाक्रम को लेकर कुहासा उतना ही छंटेगा। जो भ्रम फैलाया गया, वह दूर होगा। उन्होंने कहा कि वह संघर्ष से निकले हैं और संघर्ष में ही लीन होने से नहीं डरते। वह इस तरह की किसी भी जांच में एजेंसियों का पूरा सहयोग करेंगे।
हरक बोले, स्टिंग आपरेशन का नहीं था पता
गड़े मुर्दे उखडऩे से नाराज पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने नोटिस पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि स्टिंग के आधार पर प्रदेश में वर्ष 2016 में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।