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पौड़ी के प्रभारी प्रिसिंपल सहित 8 टीचर्स के वेतन पर रोक, बीईओ ने जारी किये आदेश

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पौड़ी। पौड़ी के एक राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय की समस्त अध्यापिकाओं को बच्चों को न पढ़ाना भारी पड़ गया। गर्मियों की छुट्टियों के बाद राज्य के सरकारी स्कूल-कालेज शनिवार को खुल गये। इन स्कूलों में 17 प्रिंसिपल समेत 303 शिक्षक नदारद पाए गये। जिन स्कूलों में सबसे ज्यादा अध्यापक नदारद रहे, उनमें पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंहनगर शामिल हैं।

508 स्कूलों का किया गया औचक निरीक्षण
दायित्व के प्रति हीलाहवाली दिखाने पर स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका सहित 8 अध्यापिकाओं के वेतन पर अग्रिम बीईओ पौड़ी आनंद भारद्वाज ने आदेश पर रोक लगा दी गयी है। आनंद भारद्वाज का कहना था कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद एक जुलाई को स्कूल तो खुल गये, लेकिन अध्यापिकाएं स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बजाय स्टाफ रूम में बैठी रहीं।

शनिवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी डा. आनंद भारद्वाज ने विकास खंड पौड़ी के राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय ल्वाली का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाया स्कूल की समस्त अध्यापिकाएं स्टाफ रुम में बैठी थी। सीईओ ने बच्चों से बातचीत की, तो बच्चों ने बताया कि स्कूल में किसी भी विषय में कोई पढ़ाई नहीं हुई।

एक हफ्ते के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने के निर्देश
बीईओ आनंद भारद्वाज ने बताया राकउमावि ल्वाली में प्रभारी प्रधानाध्यापिका सहित 8 अध्यापिकाएं सेवारत हैं। समस्त अध्यापिकाओं द्वारा बच्चों का न पढ़ाया जाना घौर आपत्तिजनक है। दायित्व के प्रति उदासीनता व जनहित में दिए कार्यों की अनदेखी करने पर प्रभारी प्रधानाध्यापिका सहित 8 अध्यापिकाओं के वेतन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा समस्त अध्यापिकाओं को एक सप्ताह के भीतर लिखित स्पष्टीकरण दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। सीईओ आनंद भारद्वाज ने कहा स्पष्टीकरण का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

36 हजार बच्चे भी नहीं आए स्कूल
प्रदेशके 508 स्कूलों के औचक निरीक्षण में पाया गया कि गुरु तो नदारद रहे है, चेले भी कम नहीं थे। इन स्कूलों में 46 हजार बच्चों में से 36,831 बच्चे गायब रहे। https://sarthakpahal.com/

अनुपस्थित पाये गये शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। स्कूलों में उपलब्ध प्रार्थना पत्रों को देखते हुए कुछ शिक्षकों का वेतन भी रोका गया है और कुछ को कारण बताओ जारी किया गया है।
सीमा जौनसारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक

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