डीएवी कालेज की संबद्धता समाप्त करने के गढ़वाल विवि के फैसले को हाईकोर्ट ने रोका

देहरादून। प्रदेश के 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों की संबद्धता खत्म करने के साथ ही विवि से जुड़े 72 प्राइवेट कॉलेजों की संबद्धता पर भी तलवार लटक गई थी। विवि की कार्यकारी परिषद ने इन कॉलेजों की संबद्धता अगले साल से खत्म करने का निर्णय लिया था, जिस पर आज हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। हाईकोर्ट के इस फैसले से डीएवी सहित 10 कॉलेजों को बड़ी राहत मिली है।
प्रदेश के 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों की संबद्धता खत्म करने के साथ ही विवि से जुड़े 72 प्राइवेट कॉलेजों की संबद्धता पर भी तलवार लटकी थी। विवि की कार्यकारी परिषद ने इन कॉलेजों की संबद्धता अगले साल से खत्म करने का निर्णय 30 मई को गढ़वाल विवि की कार्य परिषद की बैठक में लिया था। यह निर्णय पिछले साल 20 जून को हुई शिक्षा मंत्रालय, राज्य सरकार व यूजीसी की संयुक्त बैठक के परिप्रेक्ष्य में लिया गया। जिसके बाद कॉलेजों का कहना था कि विवि के 2009 में पारित एक्ट के तहत उन्हें असंबद्ध नहीं किया जा सकता है।
वर्ष 2009 में गढ़वाल विवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। उस वक्त जो एक्ट पास हुआ था, उसके सेक्शन 4-एफ में ये प्रावधान किया गया था कि जो कॉलेज विवि से संबद्ध हैं, उनका स्टेटस वैसा ही रहेगा। इस एक्ट की वजह से गढ़वाल विवि लंबे समय से इन कॉलेजों से पीछा नहीं छुड़ा पाया। हालांकि प्रदेश के सभी राजकीय डिग्री कॉलेजों को सरकार ने इस विवि से करीब दो साल पहले असंबद्ध कराते हुए श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध करा लिया था। इसके बाद से बाकी कॉलेजों को हटाने की भी कोशिशें चल रहीं थीं।
हाईकोर्ट का फैसला छात्र हित में: केआर जैन
डीएवी पीजी कालेज के प्राचार्य केआर जैन ने गढ़वाल विवि के कालेज को असंबद्धता के निर्णय पर हाईकोर्ट के रोक लगाने के फैसला का स्वागत किया है। उन्होंने इसे छात्र हित में बताया है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि इस आदेशके बाद महाविद्यालय में बीए, बीकाम व बीएससी प्रथम वर्ष के प्रवेश के इच्छुक छात्र-छात्राओं को सहायता मिलेगी। डीएवी में छात्र-छात्राओं को स्नातक और स्नातकोत्तर में जल्द ही प्रवेश मिल सकेगा।https://sarthakpahal.com/