महोबा। एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के विवाद के बीच महोबा जिले के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे का भी नाम उछला है। काफी दिन शांत रहने के बाद अब मनीष भी खुलकर सामने आ गया है। ज्योति के मामले में कुछ भी बोलने से इनकार करने के साथ ही मनीष ने कहा, ‘आलोक कह रहा कि उसने ज्योति को पढ़ाया है, लोग भी यही कह रहे हैं, जबकि पढ़ाने-लिखाने का मतलब होता है बचपन से पढ़ाया-लिखाया जाए। जिस पोस्ट पर हम बैठे हैं, क्या सच में कोई हमें बना सकता है?’
दुबे ने आगे कहा, ‘जो पढ़ाने-लिखाने का दावा कर रहा है, वो ये नहीं बता सकता कि इसके लिए कितने पेपर देने होते हैं। मैं हैरान हूं कि इस चीज को इतना बढ़ाया जा रहा है। ये व्यक्तिगत मामला था, इस चीज को वहीं खत्म होना चाहिए था।’ इस दौरान जब दुबे से सवाल किया गया कि, ‘ज्योति से कहां मुलाकात हुई, बातचीत कैसे आगे बढ़ी?’ तो उन्होंने इसे पर्सनल सवाल कहकर बात को टाल दिया।
‘हम अपना काम भी ठीक से नहीं कर पा रहे’
होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे ने कहा, जो बातें हो रही हैं, वो लाई गई हैं। इन्हें न मैं लेकर आया हूं और न ही वो लड़की (ज्योति) लेकर आई है। कोई तीसरा आदमी लेकर आया है। इस परेशानी में हम अपना प्रोफेशनल काम भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। अब इस मामले में हमारे बोलने से समस्या सुलझेगी नहीं और उलझ जाएगी. हम नियमों से बंधे हैं।
‘हमारा इस कुर्सी पर बैठना गुनाह हो गया है’
मनीष ने कहा, अगर, मैं या ज्योति आम व्यक्ति होते तो बोल देते। हमारा इस कुर्सी पर बैठना गुनाह हो गया है। मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, अच्छी नौकरी कर रहा था। मगर, पता नहीं कहां आकर फंस गया। मैं एक जिम्मेदार पद पर हूं, इसलिए कैमरे के सामने कुछ भी नहीं बोल सकता। https://sarthakpahal.com/
ज्योति ने दो पेज में शासन को सौंपा अपना जवाब
उधर, उत्तर प्रदेश शासन ने ज्योति से पूरे मामले पर जवाब तलब किया था। इस पर वह शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे ज्योति मौर्या लोक भवन पहुंचीं और दो पेज में अपना जवाब देकर चली गई। उनके जवाब को अब नियुक्ति विभाग को भेज दिया गया है।