
यमकेश्वर। बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड में नया मोड़ आया है। अंकिता भंडारी हत्याकांड केस के सरकारी वकील जितेंद्र रावत ने केस से खुद को अलग कर लिया है। इससे पहले अंकिता के परिजन शासकीय अधिवक्ता को केस से हटाने की सरकार के मांग कर रहे थे। जबकि अंकिता हत्याकांड में अंकिता के परिजनों को न्याय दिलाने और सरकार वकील को हटाने की मांग के लिए 17 जुलाई से पौड़ी मुख्यालय से स्वाभिमान यात्रा शुरू करनी थी, जिसको अब अंकिता के परिजनों ने समर्थन देने से इनकार कर दिया है।
पौड़ी के डीएम आशीष चौहान ने दी जानकारी
शनिवार को पौड़ी मुख्यालय में डीएम डॉ. आशीष चौहान ने जानकारी दी कि अंकिता भंडारी हत्याकांड के सरकारी वकील जितेंद्र रावत ने केस से खुद को अलग कर लिया है। अधिवक्ता ने 7 जुलाई को सीएम को ज्ञापन दिया था, जिसमें खुद इच्छा से केस से हटने की बात कही गई है। इसके बाद शनिवार को अंकिता के परिजनों ने डीएम से मिलते हुए संतोष व्यक्त किया है। डीएम आशीष चौहान ने बताया कि, इस फैसले के साथ ही अंकिता के परिजनों ने किसी भी राजनीतिक पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में जाने से खुद को अलग कर दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा अन्य जो भी वकील अंकिता हत्याकांड की पैरवी के लिए नियुक्त किया जाएगा, वह वकील अंकिता के परिजनों की सलाह के आधार पर ही हत्याकांड की पैरवी करेगा।
अंकिता के परिजनों ने वकील पर लगाया था आरोप
अंकिता भंडारी के परिजन केस के शासकीय अधिवक्ता की कोर्ट में ददीलों से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि जितेंद्र रावत ने इस हाईप्रोफाइल मामले में एक बार नहीं, बल्कि कई बार बयानों में उलटफेर कर केस को कमजोर करने की कोशिश की है। ऐसे में उन्होंने डीएम से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री से शासकीय अधिवक्ता को हटाने की मांग की थी। वहीं, इस पूरे मामले में कांग्रेस नेत्री अनीता रावत ने कहा कि अंकिता के परिजनों ने भले ही स्वाभिमान पदयात्रा में आने से मना कर दिया हो, लेकिन स्वाभिमान पदयात्रा अंकिता को न्याय दिलवाने के लिए लगातार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि अंकिता के परिजन दबाव में आकर इस तरह का फैसला ले रहे हैं। https://sarthakpahal.com/
परिजनों ने स्थगित किया धरना
पौड़ी सरकारी वकील के केस से हटने के बाद अंकिता के परिजनों ने 17 जुलाई को प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया है। उन्होंने जिला प्रशासन व सीएम धामी का आभार जताया। अंकिता के परिजनों ने एक जून को पहली बार जिला प्रशासन से वकील को केस से हटाने की मांग की थी। वहीं डीएम के मुताबिक मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। बताया जा रहा है कि अंकिता भंडारी के केस से सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) जितेंद्र रावत अब खुद ही पीछे हट गए हैं। उन्होंने बीते रोज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर केस से हटने की इच्छा जताई है।