यमकेश्वर। यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत GIC भादसी में सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानाध्यापिका कुसुम नेगी को सस्पेंड कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों की जांच के बाद शिक्षिका पर ये कार्रवाई की गई है। शिक्षिका को निलंबन अवधि में खंड शिक्षा कार्यालय यमकेश्वर अटैच कर दिया गया है, लेकिन शिक्षिका ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
सोशल मीडिया पर वायरल मामला बीते जून का है. इस मामले में इसी माह 5 जुलाई को जांच हुई थी.यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय भादसी तैनात प्रधानाध्यापिका का सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल होने के बाद सस्पेंड कर दिया गया है।
बीते जून में वायरल हुआ था वीडियो
जिला शिक्षाधिकारी प्रांरभिक शिक्षा रामेंद्र कुशवाहा ने बताया कि बीते जून महीने में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें GIC भादसी की छात्राएं प्रधानाध्यापिका के कपड़े व बर्तन धोते हुए दिखाई दे रहे थे, जिस पर डीईओ कुशवाहा ने मामले में उप शिक्षा अधिकारी यमकेश्वर को विद्यालय का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश देकर जांच आख्या साक्ष्यों के साथ विभाग को उपलब्ध कराने को कहा था। बीईओ द्वारा 5 जुलाई को जांच पूरी कर उच्चाधिकारियों को भेज दी गयी थी।
शिक्षिका ने बर्तन व कपड़े धोने की बात स्वीकार की
विद्यालय के वायरल वीडियो की जांच के बाद पूछताछ की में पता चला कि वीडियो 26 जून का है। प्रधानाध्यापिका का वीडियो गांव वालों ने बनवाया था। जांच के दौरान पूछताछ में प्रधानाध्यापिका कुसुम नेगी ने विद्यालय में पढ़ने वाली पांचवीं की छात्रा से कपड़े व बर्तन धोने की बात स्वीकार की। तभी से गांव वाले बहुत क्रोधित थे। जांच में ये भी पता चला कि गांव वालों के साथ प्रधानाध्यापिका का व्यवहार ठीक नहीं है। आरोपी प्रधानाध्यापिका का कहना है कि बीते साल अक्टूबर 2022 में उनके हाथ में चोट लगी थी। उस समय छात्रा से कपड़े तार में फैलाये गये थे, ना कि धुलवाये थे। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ ही वो चाय भी बनाती थी। जिसके बाद सभी एक साथ मिलकर चाय के बर्तन धोते थे।
कुसुम नेगी का विवादों से पुराना नाता
प्रधानाध्यापिका पर विद्यालय में समय पर न पहुंचने व पठन-पाठन के प्रति लापरवाही का भी मामला है। विद्यालय में कुल 17 बच्चे हैं। प्रधानाध्यापिका ने विकास खंड में तीन-चार विद्यालयों में काम किया है, लेकिन विवादों के कारण हर बार उनका इधर-उधर तबादला कर दिया गया। डीईओ रामेंद्र कुशवाहा ने बताया कि पूरे मामले की जांच के बाद कुसुम नेगी को सस्पेंड कर दिय गया है। प्रधानाध्यापिका को एक माह के भीतर अपना पक्ष रखने का भी आदेश दिया है।