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पौड़ी में चमोली हादसे को न्यौता दे रहे बिजली के टूटे पोल और झूलते तार, डीएम ने UPCL को दिया 24 घंटे का समय

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पौड़ी। सतपुली तहसील के आंतरिक गांवों में बिजली व्यवस्था भगवान भरोसे है। टूटे पोल में झूलते तारों पर जरा सी भी चूक चमोली करंट हादसे जैसी घटना को बुलावा दे सकती है। ग्रामीण इसकी शिकायत अधिकारियों से कर चुके हैं, लेकिन अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेगी। कोई भी इस समस्या को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं है। आखिरकार अब मामला पौड़ी गढ़वाल के डीएम डॉ. आशीष चौहान के संज्ञान में आया है।

डीएम ने अधिकारियों को दिया 24 घंटे का समय
जैसे ही जिलाधिकारी महोदय को इस बारे में पता चला तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए 24 घंटों के भीतर टूटे पोल के झूलते तारों को ठीक करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं, डीएम ने लापरवाही मिलने पर संबंधित ठेकेदार पर मुकदमा भी दर्ज करने को कहा है। डीएम ने कहा कि चमोली करंट हादसे के बाद बिजली को लेकर जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। डीएम ने यूपीसीएल के अफसरों को झूलती तारों और लटकते पोलों का तत्काल निरीक्षण कर रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं।

बुधवार को पौड़ी डीएम ने जिले के दूरस्थ तहसीलों के आंतरिक गांवों में मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान डीएम डॉ. आशीष चौहान सतपुली के बंदूण गांव पहुंचे। जहां गांवों में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर केवल ग्रामीण मोटर मार्ग ही पहुंचा है। डीएम के सामने ग्रामीणों ने खुलकर क्षेत्र की समस्याएं रखी।

10 दिन के भीतर मुआवजा देने के दिये निर्देश
बंदूण के ग्रामीणों ने डीएम से कहा कि गांव में पीएमजीएसवाई के द्वारा सड़क तो पहुंचा दी गई है, लेकिन अभी तक उन्हें भूमि कटान का मुआवजा नहीं मिला है। कई बार लोनिवि के अधिकारियों को इस बारे में बताया गया, लेकिन कोई भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। इस पर डीएम ने अफसरों को फटकार लगाते हुए अपने काम में सुधार लाने के निर्देश दिए। साथ ही पीएमजीएसवाई के अफसरों को 10 दिनों के भीतर मुआवजा मुहैया कराने को कहा है।

स्वास्थ्य केंद्र न होने से गर्भवती महिलाओं को होती है परेशानी
बंदूण की प्रधान अंजली देवी ने कहा कि गांव में स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। इस कारण बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। छोटी सी बीमारी के लिए लंबी दौड़ लगानी पड़ती है। यहां तक कि नवजात शिशुओं को टीके आदि के लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है। इस पर डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को तत्काल भूमि चयनित करते हुए पीएचसी का डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। https://sarthakpahal.com/

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