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डॉक्टरों ने 4 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद सात माह के बच्चे के पेट से निकला दो किलो का बच्चा

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प्रयागराज। सात माह के बच्चे के पेट से डॉक्टरों ने आपरेशन करके भ्रूण निकाला है। बच्चे का पेट पैदा होने के बाद से ही फूला हुआ था। प्रतापगढ़ के इस बच्चे को चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया था। करीब पांच घंटे के आपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बच्चे में पल रहे भ्रूण को निकाला। बच्चा भी पूरी तरह से सुरक्षित है। फिलहाल उसे अस्पताल के पीकू वार्ड में रखा गया है। डॉक्टरों के मुताबिक मां के गर्भ में पल रहे भ्रूण के भीतर दूसरा भ्रूण तैयार होने से ऐसे मामले अपवाद स्वरूप सामने आते हैं।

बेटे को जन्म देने के 9 दिन बाद मां की मौत
चिकित्सा विज्ञान में इस स्थिति को ”फीटस इन फीटू” कहा जाता है। यह बच्चा प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में रहने वाले संदीप शुक्ला का है। करीब सात महीने पहले पत्नी ने दूसरे बेटे को स्वरूप रानी अस्पताल में जन्म दिया था, लेकिन उसी दौरान उनकी मौत हो गई। छोटे बच्चे मनु का जन्म से ही पेट फूला हुआ था। जिसको संदीप ने पहले कुंडा के डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन जब कोई राहत नहीं मिली तो लखनऊ में कुछ डॉक्टरों सलाह ली।

दो जाइगोट बनने से होती है ऐसी स्थिति
ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक डॉ. डी. कुमार बताते हैं कि शुक्राणु और अंडाणु मिलकर दो जाइगोट बनने से ऐसी परिस्थिति बनती है। पहले जाइगोट से बच्चा बनता है और दूसरा बच्चे के पेट में चला जाता है। पेट में यह भ्रूण ट्यूमर की तरह बढ़ने लगता है। इस स्थिति को ही फीटस इन फीटू कहते हैं। अगर दूसरा जाइगोट बच्चे के शरीर से बाहर यानी मां के पेट में बनता-पलता है तो वह जुड़वां बच्चे का रूप हो जाता है। https://sarthakpahal.com/

दुनिया में अब तक 200 केस
बच्चे का सफल ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर डी कुमार ने बताया कि सात माह का बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने कहा, ‘मेडिकल की भाषा में हम इसे ‘फीटस इन फीटू’ कहते हैं यानी बच्चे के अंदर बच्चा। इस तरह के मामले बहुत रेजर कंडीशन में ही देखने को मिलते हैं। दुनिया में लगभग ऐसे 200 केस अब तक देखे गए हैं’।

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