
पौड़ी। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम काफी मेहनत कर रही है, लेकिन कामियाबी कोसों दूर है। वहीं बाघ प्रभावित क्षेत्र से करीब आठ किमी दूर बिलकोट गांव में बाघ देखा गया। गांव के लोगों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर दहशत फैल गयी है।
नैनीडांडा ब्लॉक के ग्राम पंचायत उमटा की प्रधान ने बताया कि बुधवार सुबह 7:30 बिलकोट ग्रामसभा में जूनियर हाईस्कूल और प्राथमिक विद्यालय जाने वाले रास्ते में बाघ दिखाई दिया। उन्होंने बताया कि हमलावर बाघ को ट्रेस करने के लिए गांव में छह जोड़ी कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। कहा कि वन विभाग ने गांव के समीप चमाड़ा सड़क तक पिंजरा पहुंचा दिया गया है। लेकिन सड़क से गांव तक ढलान अधिक होने और पिंजरा करीब पांच कुंतल वजन होने के कारण अभी तक गांव तक नहीं पहुंचाया जा सका है।
उधर, गढ़वाल वन प्रभाग के दीवा रेंज अधिकारी महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बाघ के बिलकोट गांव में दिखने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने बनिया गांव, ध्यानी गांव होते हुए बिलकोट तक गश्त की। बताया कि पिंजरे को गांव तक पहुंचाने के लिए श्रमिकों की तलाश की जा रही है। यहां लगाए गए कैमरा ट्रैप में भी बाघ कैद नहीं हो सका है।
बंदर पकड़ने वाले पिंजरे में कैद हो गया एक गुलदार
अणेथ गांव में बंदरों को पकड़ने के लिए लगाए गये पिंजरे में एक गुलदार कैद हो गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तुरंत वन विभाग की टीम को भेजी। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने गुलदार को पिंजरे से निकालकर उसका मेडिकल कराया। गुलदार मेडिकल में पूरी तरह स्वस्थ पाया गया। https://sarthakpahal.com/