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गौरीकुंड में फिर भूस्खलन, मां के साथ सो रहे दो बच्चों की मलबे में दबकर मौत

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रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन का सितम जारी है। आंखों के सामने लोगों के घर तबाह हो रहे हैं, मेहनत की कमाई मलबे में समा रही है। अब तक बारिश के कहर से कई लोगों की जान चली गयी है। कहर बनकर टूट रही बारिश ने रुद्रपुर जिले के गौरीकुंड गौरी गांव में मां के साथ सोये तीन बच्चे भूस्खलन होने से मलबे में दब गये। तीनों बच्चों को स्थानीय लोग, एनडीआरएफ, पुलिस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया।

रात को मां के साथ सोए थे बच्चे
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसे में पिंकी 5 वर्ष व एक छोटे बच्चे की मौत हो गई। जबकि 8 वर्षीय स्वीटी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चों का पिता सत्यराज अपने गांव नेपाल गया है। माता जानकी बच्चों के साथ ही सो रही थी। जानकी मलबा आने के बाद बाहर निकल आई, जबकि बच्चे मलबे में दबे रह गए।

कुछ दिनों पहले पिता गया था नेपाल
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि गौरीकुंड गांव में हेलीपैड से आगे गांव के नीचे एक नेपाली परिवार के ऊपर के खेत से मलबा आ गया। मलबे की चपेट में आने के कारण तीन बच्चों के दबने की सूचना प्राप्त हुई थी। राहत बचाव टीम ने मौके पर पहुंचकर घायल बच्चों को तत्काल गौरीकुंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। https://sarthakpahal.com/

3 अगस्त को भी हुआ था भयानक भूस्खलन
3 अगस्त की रात में भयानक भूस्खलन हुआ था। मलबा गिरने से तीन दुकानें ध्वस्त हो गई थी, जिनमें सोए हुए 23 व्यक्ति लापता हो गए थे, जिनमें से अभी तक केवल तीन लोगों के शव ही पुलिस-प्रशासन ने बरामद कर पाई है। तब से लापता 20 लोगों की तलाश जारी है। मंदाकिनी नदी में जल पुलिस, स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं।

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