उत्तरप्रदेशउत्तराखंडबड़ी खबरसामाजिकस्वास्थ्य

कोटद्वार में मालन नदी का दिखा फिर रौद्र रूप, ट्रक और कई लोग फंसे, पलिस ने किया रेस्क्यू

Listen to this article

कोटद्वार। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश का सिलसिला अभी भी जारी है। बृहस्पतिवार देर शाम कोटद्वार में मालन नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया। इस दौरान नदी से निकल रहा एक ट्रक वहीं फंस गया। उधर, नदी से रास्ता पार कर रहे कई और लोग वहीं फंस गए। सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और उन्हें जेसीबी की मदद से सुरक्षित निकाला।

40 से अधिक गांवों में सिंचाई का संकट
कण्वाश्रम से करीब 1.5 किमी ऊपर मालन नदी में साइफन बनाकर मालन मुख्य नहर (फीडर) का निर्माण अंग्रेेजों के जमाने में हुआ था। कण्वाश्रम में आकर यह मुख्य नहर दो भागों में बंटती है। दांई मालन नहर से हल्दूखाता, किशनपुर, झंडीचौड़ से लेकर सिगड्डी तक के गांवों की सिंचाई होती है। जबकि बांई मालन नहर से मोटाढांक, दुर्गापुरी, नींबूचौड़ से लेकर खूनीबड़ तक के क्षेत्र की कृषि भूमि को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराती है।

दोनों नहरों से बिजनौर के करीब एक दर्जन गांवों में भी खेती के लिए सिंचाई होती है। मालन साइफन से लेकर कण्वाश्रम तक के डेढ़ किमी नहर मलबे से पट गई है, वहीं करीब 40 मीटर का हिस्सा मालन नदी की ओर से हुए कटाव से ध्वस्त हो गई है। मालिनी किसान पंचायत के अध्यक्ष जेपी बहुखंडी और महासचिव मधुसुदन नेगी ने शासन और प्रशासन के साथ ही सिंचाई विभाग से क्षतिग्रस्त नहर की जल्द सुध लेकर उसके बचाव के लिए काम करने की मांग की है। https://sarthakpahal.com/

13 अगस्त की आपदा की चपेट में आने से करीब 1200 मीटर मुख्य मालन नहर मलबे से पट गई है। 40 मीटर का हिस्सा भूकटाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है। उच्चाधिकारियों को वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया है। नहर की मरम्मत और बाढ़ से बचाव के लिए आगणन तैयार किया जा रहा है।
विनोद कुमार, सहायक अभियंता सिंचाई खंड दुगड्डा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button