
नई दिल्ली। बुराड़ी रेप के आरोपी प्रेमोदय खाखा महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर थे। गिरफ्तारी के बाद उनको सस्पेंड कर दिया गया है। अब कोर्ट ने दंपती को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। इसके साथ-साथ दिल्ली पुलिस ने आरोपी डिप्टी डायरेक्टर का पोटेंसी टेस्ट भी कराया। ये टेस्ट यौन शक्ति या नपुंसकता को मापने के लिए किया जाता है। दिल्ली में नाबालिग लड़की के साथ रेप का मामला इस समय सुर्खियों में बना हुआ है। आरोपी के खुलासे के बाद अब इस केस में नया मोड़ आ गया है।
इस टेस्ट की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि आरोपी प्रेमोदय खाखा के वकील ने कहा था कि उनकी 20 साल पहले नसबंदी हो गई थी। वकील का कहना है कि इस वजह से पीड़िता का गर्भवती होने का दावा सही नहीं है। प्रेमोदय खाखा पर अपने दोस्त की नाबालिग बेटी से रेप का आरोप है। https://sarthakpahal.com/
FIR दर्ज होने के बावजूद खुलेआम घूम रहा था आरोपी
पुलिस ने प्रेमोदय खाखा के खिलाफ करीब एक हफ्ते पहले (13 अगस्त) FIR दर्ज कराई थी, लेकिन एक हफ्ते तक पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी थी। फिर खबर छपने के बाद पुलिस एक्शन में आई और तीन घंटे में आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पीड़िता से मिलने की जिद पर अस्पताल के बाहर धरने पर बैठी रहीं। वहीं, बीजेपी ने भी आरोप जड़ा है कि आरोपी अफसर केजरीवाल प्रशासन के पसंदीदा अफसरों में से एक था।
कई धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने बताया कि आरोपी दंपति पर पॉक्सो एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा 376(2)(f) (रिश्तेदार, गार्जियन, शिक्षक या महिला के भरोसेमंद होने पर उसके साथ रेप करना) और धारा 509 (शब्दों या इशारों से महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) के तहत केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 313 (महिला की सहमति के बगैर उसका गर्भपात करवाना) और 120B (आपराधिक साजिश) भी लगाई गई है।