लल्ला के स्वागत में सजी कान्हा की नगरी, कृष्ण जन्मोत्सव में शामिल होने जुटी भक्तों की भीड़
मथुरा। लल्ला के स्वागत के लिए मथुरा-वृंदावन दुल्हन की तरह सज गया है। जन्मोत्सव के साक्षी बनने के लिए बुधवार से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। मथुरा-वृंदावन के प्रमुख मंदिरों में 7 सितंबर की मध्यरात्रि 12 बजे कान्हा का जन्म होगा। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मुख्य आयोजन शुरू हो गए हैं। तारीखों को लेकर असमंजस की जो स्थिती खत्म हो गई है। मथुरा जन्मभूमि और बांके बिहारी मंदिर पर एक ही दिन यानि 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
मथुरा वृंदावन 6 सेक्टर और 33 जोन में बंटा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यातायात पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्जन प्लान लागू कर दिया है। मथुरा-वृंदावन को 6 सेक्टर और 33 जोन में बांटते हुए मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए हैं। सुरक्षा के लिए पुलिस के अलावा पीएसी, आरएएफ को तैनात कर दिया गया है।
रोडवेज ने बढ़ाये 150 बसों के फेरे
श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मुख्य आयोजन शुरू हो गए हैं। उधर, मथुरा आने वाली एसी-स्लीपर बसों, ट्रेनों में आरक्षित टिकट नहीं मिल रहे हैं। रोडवेज ने भीड़ को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मार्गों पर संचालित करीब 150 बसों के फेरे बढ़ा दिए हैं।
खुफियां एजेंसियां अलर्ट मोड में
खुफिया एजेंसियों ने इस बार करीब 80 लाख लोगों के आने की संभावना जताई है। इसके मद्देनजर प्रशासनिक मशीनरी अलर्ट है। वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, गोकुल स्थित सभी गेस्ट हाउस, आश्रम, होटल में कमरे बुक हो गए हैं। किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो इसके लिए पर्यटन हेल्पलाइन नंबर 18601801508 जारी कर किया गया है।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि 12 बजे हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी पर भगवान की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त रात 12 बजे ही माना जाता है। 7 सितंबर की रात 12 बजते ही आप भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा कर सकते हैं। जन्माष्टमी के व्रत का पारण समय शुक्रवार, 8 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद रहेगा। https://sarthakpahal.com/
आप सभी को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की शुभकामनाएं