दूसरी बार CBI का बाउंसर झेलने को तैयार हरक सिंह रावत, क्या बचा पाएंगे इस बार?
देहरादून। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरों रेंज में हुए कार्यों को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के CBI जांच के आदेश के बाद हरक सिंह के भविष्य पर फिर चर्चाएं शुरू हो गईं। हालांकि उनके लिए सीबीआई जांच कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी हरक एक गंभीर आरोप में सीबीआई की जांच झेल चुके हैं। तब उन्होंने CBI जांच के दायरे में आने पर अपना मंत्री पद गंवाया था। ऐसे में हरक अब क्या दांव पर लगाएंगे, देखना होगा।
पहले भी सीबीआई का सामना कर चुके हैं हरक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत पर भाजपा सरकार के मंत्री के तौर पर किए कार्यों को लेकर आरोप लग रहे हैं। इसी वजह से भाजपा भी दबाव में दिखाई दे रही है। इससे पहले हरक सिंह रावत पर एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसी जैनी प्रकरण में सीबीआई जांच के भी आदेश हुए थे। जिसके चलते तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में डीएनए टेस्ट तक हुआ था। बहरहाल सीबीआई जांच का कोई नतीजा नहीं निकला और हरक सिंह रावत मजबूती के साथ राजनीति में आगे बढ़ते चले गए।
अबकी बार बुरे फंसे हैं हरक सिंह रावत
इस बार मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है। सीबीआई जांच के दौरान हरक सिंह रावत को भी सीबीआई की टीम के सामने कई सवालों के जवाब देने होंगे। वन मंत्री रहते हुए कॉर्बेट पार्क में 6000 पेड़ काटे जाने से लेकर अवैध निर्माण तक की स्वीकृतियों पर भी हरक सिंह रावत, सीबीआई की टीम के सवालों के घेरे में होंगे। हालांकि हरक सिंह सभी कार्य नियमों के अनुरूप होने की भी बात कहते हुए नजर आते हैं। https://sarthakpahal.com/