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अंतिम यात्रा में उमड़े जनसैलाब ने दी शहीद दीपेंद्र रावत को अंतिम विदाई

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कोटद्वार। पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक निवासी सेना का एक जवान कॉन्वॉय के दौरान अपनी ही बंदूक से निकली गोली से शहीद हो गया था। दीपेंद्र रावत का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। हर ग्रामवासी चाहे वो बच्चा रहा हो, बुजुर्ग हो या महिलाएं कोई भी अपने आंसुओं के सैलाब को नहीं रोक पाईं। अंत में पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान को अंतिम विदाई दी गई।

गढ़वाल राइफल में तैनात था दीपेंद्र
जवान दीपेंद्र रावत जम्मू-कश्मीर में तैनात था। कॉन्वॉय के दौरान अपनी ही बंदूक से गोली लगने से जवान की मौत हो गई। तहसीलदार थलीसैंण आनंदपाल ने बताया कि बीरोंखाल ब्लॉक के पसोल गांव निवासी 30 साल के दीपेंद्र सिंह रावत जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए हैं। उन्होंने बताया कि दीपेंद्र रावत 2013 में 9th गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे और इन दिनों दीपेंद्र की जम्मू और कश्मीर में पोस्टिंग थी।

पत्नी और बेटे को छोड़ गए पीछे
दीपेंद्र अपने पीछे 2 साल का बेटा आरव व पत्नी प्रियंका को छोड़ गए हैं। उनके पिता राजेंद्र सिंह रावत का कुछ साल पहले निधन हो चुका है। दीपेंद्र रावत तीन भाई हैं। शहीद के पैतृक गांव बीरोंखाल के पसोल गांव के आसपास के सैकड़ों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई।

3 सितम्बर को छुट्टी काटकर ड्यूटी पहुंचा था दीपेंद्र
9th गढ़वाल में तैनात दीपेंद्र सिंह रावत बीती 3 सितंबर को ही छुट्टी समाप्त होने को बाद अपनी ड्यूटी के लिए गया था। जहां से महज कुछ ही दिनों के बाद जवान के मौत की खबर घर पहुंची।

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