
देहरादून। हरिद्वार मार्ग पर प्राचीन मणिमाई मंदिर के पीछे बंदरों के शव मिलने से हड़कंप मच गया। सभी बंदरों के शव एक ही जगह पर मिले हैं। बंदरों के शवों के पास दो जिंदा बंदर भी बैठे हुए थे। बंदरों के शवों के मिलने की सूचना पुलिस और वन विभाग को दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बंदरों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बंदरों के शवों के मिलने की सूचना के बाद बजरंग दल के कई कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे। सभी ने मौके पर जमकर हंगामा किया।
बंदरों के शव मिलने से हड़कंप
फॉरेस्ट रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया सभी बंदरों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा वन विभाग समय-समय पर बंदरों को पकड़कर बंध्याकरण के लिए ले जाया जाता है। ट्रीटमेंट के बाद बंदरों को हरिद्वार के अलग-अलग जगह पर छोड़ा जाता है। ऐसे में कई बंदर दोबारा से जंगल में एडजस्ट नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण उनकी मौत हो जाती है। उन्होंने कहा इस मामले में भी ऐसा हो सकता है। फिलहाल बंदरों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही बंदरों की मौत का असल कारण पता चल सकेगा। वैसे आशंका जताई जा रही है कि बंदरों को कहीं और मारा गया है और मारकर मणिमाई मंदिर के पास फेंक दिया गया है। वन विभाग की ओर से अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कररा दिया गया है।
लच्छीवाला वन रेंज क्षेत्र में बंदर ज्यादा
लच्छीवाला वन रेंज क्षेत्र में बंदरों की संख्या काफी अधिक है। इस पूरे हाईवे पर लगातार बंदर जंगल और सड़कों पर हमेशा दिखाई देते हैं। आने-जाने वाले लोगों द्वारा इनको खाना भी दिया जाता है, जिससे लगातार वन विभाग ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी करता है। साथ ही उन्हें ऐसा ना करने की हिदायत भी दी जाती है। वहीं, बंदरों के शवों के मिलने की सूचना के बाद बजरंग दल के कई कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। बजरंग दल को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया गया।
बंदरों की मौत कैसे हुई, इसकी जांच की रही है। यदि बंदरों को जहर देकर मारा गया है तो आरोपियों को चिन्हित कर उन्हें गिरफ्तार कर वन्य जीप संरक्षण नियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
राजीव धीमान, वन संरक्षक https://sarthakpahal.com/