देहरादून। देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। 7 नवंबर को पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम से चुनाव का श्रीगणेश होना है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में भी दिसम्बर में चुनाव होने हैं। जहां विपक्षी गठबंधन INDIA चुनाव के लिए गोटियां बिछाने में लगा है, वहीं पीएम मोदी धुआंधार चुनाव प्रचार के बाद सीधे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आदि कैलाश के दर्शन के लिए पहुंच गए।
आदि कैलाश में ध्यानमग्न पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आदि कैलाश के दर्शन करके पार्वती कुंड मंदिर में बड़ी घंटी बजाई। शंख ध्वनि की। डमरू बजाया। मानो विपक्ष को संदेश दे रहे हों कि विधानसभा चुनाव में भी जनता के सिर पर चढ़े उनके जादू से पार पाना आसान नहीं होगा। आदि कैलाश से जब पीएम मोदी चीन सीमा पर स्थित गुंजी गांव पहुंचे तो यहां उन्होंने नगाड़ा बजाया। इसमें कोई दो राय नहीं कि नरेंद्र मोदी द्वारा डमरू, नगाड़े, शंख और घंटी की गूंज पांच चुनावी राज्यों के मतदाओं के मन पर सीधे असर कर सकती है।
पांच राज्यों में हिंदुओं की जनसंख्या
हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान है, जहां हिंदुओं की जनसंख्या 90 फीसदी से ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में 93 फीसदी से ज्यादा हिंदू हैं। यहां दो चरणों में 7 और 17 नवंबर को मतदान होना है। राजस्थान में जहां 25 नवम्बर को मतदान होना है, वहां 88 फीसदी से ज्यादा हिंदू हैं। राजस्थान में अभी कांग्रेस की सरकार है। दक्षिण राज्य तेलंगाना में 30 नवम्बर को मतदान होना है, जहां हिंदुओं का प्रतिशद 84 फीसदी है। अभी यहां पर चंद्रशेखर राव की सरकार है। देश का पांचवां विधानसभा चुनाव वाला राज्य मिजोरम ईसाई बहुल राज्य है। यहां 87 फीसदी से ज्यादा ईसाई जनसंख्या है। हिंदू यहां सिर्फ पौने तीन फीसदी के करीब हैं।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड के आदि कैलाश और जागेश्वर धाम की पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा और वहां बजाए गए डमरू, नगाड़े, शंख और घंटी की ध्वनि बीजेपी को कितने वोट दिलाती है। क्या पीएम मोदी की ये धार्मिक यात्रा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को सत्ता दिला पाएगी और मध्य प्रदेश में सरकार बचा पाएगी। https://sarthakpahal.com/