
देहरादून। बिजलीकर्मी ‘बिजली संशोधन बिल’ के खिलाफ आज से हड़ताल करने का मूड बना रहे हैं। यदि आज नया बिल संसद के पटल पर रखा गया तो बिजलीकर्मी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। कर्मियों का कहा है कि बिल में संशोधन से बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों पर विपरीत असर पड़ेगा।
केंद्र सरकार आज संसद के मानसून सत्र में बिजली संशोधन बिल पारित करने जा रही है। इससे बिजली कर्मियों और इंजीनियरों में भारी आक्रोश है। नेताओं का कहना है कि आज सोमवार को केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन किया जायेगा। रविवार को संयुक्त संघर्ष मोर्चा की वर्चुअल बैठक में बिजली संशोधन बिल पर चर्चा की गयी थी।
केंद्र पर वादाखिलाफी का आरोप
केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को लिखित पत्र के जरिये यह वायदा किया था कि इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) बिल किसानों समेत सभी हितधारकों से विचार-विमर्श किए बना संसद में प्रस्तुत नहीं किया जाएगा। अब सरकार ने बिल को संसद ेमं पारित करने का एकतरफा निर्णय ले लिया है। मोर्चा ने निर्णय लिया है कि नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण और बिजली संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में आज सोमवार को सभी जिला व परियोजना मुख्यालय पर कर्मचारी और इंजीनियर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बैठक में इंशारुल हक, केहर सिंह, बीरबल सिंह, जेसी पंत, वाईएस तोमर, विनोद कवि, अमित रंजन, पंकज सैनी, एनएम टोलिया, दीपक ठाकुर, राजेश तिवारी सहित आदि नेता शामिल हुए।
ऊर्जा कामगार संगठन की आंदोलन की चेतावनी
उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने भी निजीकरण के विरोध में आंदोलन की चेतावनी दी है। संगठन के महामंत्री विजय बिष्ट का कहना है कि सभी कामगारों को सूचित किया है कि विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया है कि यदि संसद में इलेिक्ट्रसटी संशोधन बिल पास होता है, तो समस्त सदस्य बाहों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा पेनडाउन और टूलडाउन कर गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह करेंगे।