पौड़ी। कहते हैं प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। यही कारण है कि अक्सर बालपन में ही प्रतिभाएं नजर आने लगती है। ऐसे ही प्रतिभाओं से भरी है उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की धरती। विकासखंड कोट में माता सीता की धरती पर स्थापित सिद्धपीठ मां भुवनेश्वरी मंदिर में रविवार को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही ढोल वादक प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी। जिसमें 67 जोड़ी ढोल वादक ने प्रतिभाग किया और अपनी अपनी कला का प्रदर्शन किया।
71,000 हजार रुपये का मिला नकद पुरस्कार
अपनी उंगलियों से ऐसा सुर मिलाते हैं, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। अब ये दोनों प्रतिभावान कलाकार भुवनेश्वरी मंदिर सिद्धपीट- सितोनस्यूं, पौड़ी गढ़वाल में भगवान के दरबार में अपनी कला का प्रदर्शन करने आए थे। इस प्रतियोगिता में 30 टीमों ने भाग लिया था, जिसमें से इन्हें प्रथम स्थान मिला और इन्हें इनाम के तौर पर 71,000 रुपये प्रदान किये गये।
दोनों भाई देहरादून में भी दिखा चुके हैं अपनी कला
मां भुवनेश्वरी मंदिर कोट विकास खंड में आज आयोजित 67 जोड़े ढोल वादनों की प्रदर्शनी में मंच पर उपस्थित अतिथि एवं दर्शक नन्हें ढोल वादकों की प्रतिभा पर आश्चर्य चकित हो गए। दोनों भाई गत वर्ष देहरादून में “हमारी संस्कृति हमारी धरोवर” आयोजित कार्यक्रम भी अपनी कला प्रदर्शन कर चुके हैं। दोनों गुदड़ी के लाल पौड़ी गढ़वाल के पट्टी मनियारस्यूं के ग्राम गढ़कोट गांव के हैं। उन्हें प्रतियोगिता में धारी महिला मंगल दल की टीम श्री डांडा नागराजा के पुजारी गणेश देशवाल, कोट ब्लॉक प्रमुख पूर्णिमा नेगी, मां भुवनेश्वरी सांस्कृतिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अनुसूया प्रसाद सुंदरियाल आदि ने भी प्रोत्साहित किया।
प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को कल एक-एक जोड़े ढोल दमाऊ और नगद धनराशि प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख पूर्णिमा देवी, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सुमनलता ध्यानी, कुसुम चमोली, जिला पंचायत सदस्य मुकेश बिष्ट मौजूद रहे। https://sarthakpahal.com/