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भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को मौत की सजा, विदेश मंत्रालय सदमे में

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नई दिल्ली। कतर की राजधानी दोहा में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई गई है। इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा कि मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे।

विदेश मंत्रालय के अनुसार कतर की अदालत ने प्रथम दृष्टया अल दहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण अभी इस पर कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

30 अगस्त 2022 की रात को हिरासत में लिया गया था
सभी आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को 30 अगस्त 2022 की रात को हिरासत में ले लिया गया था। तब से वे जेल में बंद हैं। हिरासत में लिए गए लोगों में कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी हैं, जो एक भारतीय प्रवासी हैं, जिन्हें 2019 में प्रवासी भारती सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं। इन सभी पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि कतर ने कभी इस बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा।

कौन हैं फांसी की सजा पाये अधिकारी
कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और रागेश। कतर ने इस पर इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप लगाए है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी कथित तौर पर कतर के सबमरीन से संबंधित जानकारी जुटा रहे थे।

ये सभी कतर की एक निजी कंपनी में कर रहे थे काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेवानिवृत होने के बाद ये सभी नौसैनिक कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है। कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है।

कतर में भारत के राजदूत ने राजनयिक पहुंच मिलने के बाद एक अक्टूबर को जेल में बंद इन भारतीयों से मुलाकात की थी।

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