
हरिद्वार। बदलते मौसम का असर जैसे हमारे शरीर पर पड़ता है, वैसा ही असर अवारा कुत्तों पर भी पड़ता है। इन असर के कारण कई बार कुत्ते खूंखार भी हो जाते हैं। इनके खूंखार होने की घटना मॉनसून और उसके लौटते सीजन में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड की जाती है। कारण, मनसून में भरपूर खाना ना मिलना और बरसात के पानी से शरीर में खुजली जैसी बीमारी अवारा कुत्तों में देखने को मिलती है। लिहाजा, कुत्तों के दांत और मुंह में जलन होने लगती है, जिस कारण कुत्ते को इरिटेशन होती है और गुस्से में वह जो भी सामने आता है, उसे काटने लगता है।
हरिद्वार में 20 दिन के भीतर 700 लोगों को कुत्तों ने काटा
हरिद्वार शहर में मॉनसून के बाद स्ट्रीट डॉग इतने हमलावर हो गए हैं कि कुत्तों ने 20 दिनों के भीतर 700 से ज्यादा लोगों को काटकर जख्मी कर दिया है। यह आंकड़ा सिर्फ सरकारी शहर के अस्पताल का है। रुड़की, लक्सर, बहादराबाद, ज्वालापुर और आसपास के क्षेत्र के अगर आंकड़े निकाल लिए जाएं तो हमलावर कुत्तों के शिकार हुए लोगों की संख्या हजारों में पहुंच जायेगी। परेशान होकर हरिद्वार के ललित शर्मा ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कुत्तों से निजात दिलाने की अपील की है।
वाघ बकरी चाय के मालिक की भी हो चुकी है मौत
वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई का निधन भी कुत्तों के कारण ही हुआ है। दरअसल, शाम के समय टहलते समय कुछ कुत्ते उन पर भौंकने लगे, जिस कारण पराग देसाई वहां से भागने लगे। इसी दौरान उनका पैर फिसला और गिर गए। गिरने से ब्रेन हेमरेज होने के कारण ऑपरेशन किया गया, लेकिन बीते रविवार की शाम को उन्होंने आखिरी सांस ली। https://sarthakpahal.com/