सुधर जाओ वरना ‘एक करोड़ का जुर्माना ठोक देंगे, अगर…’, रामदेव बाबा को चेतावनी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) को मंगलवार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सुधर जाओ वरना ‘एक करोड़ का जुर्माना ठोक देंगे। कोर्ट ने एलोपैथिक दवाइयों को लेकर पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों पर कंपनी को आड़े हाथों लिया है। अदालत का कहना था कि पतंजलि को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह प्रेस में इस तरह के बयान देने से दूरी बनाकर रखें।
भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर SC ने लगाई फटकार
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पतंजलि को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके उत्पादों को लेकर इसी तरह के भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण जारी रहेगा तो उन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है। कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को भविष्य में इस तरह के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने से बचने की सलाह दी। अदालत ने कहा कि पतंजलि को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह प्रेस में इस तरह के बयान देने से दूरी बनाकर रखें।
मामले को एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस नहीं बनने दें
इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि पतंजलि आयुर्वेद भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रेस में उसके ओर से इस तरह के कैजुअल स्टेटमेंट नहीं दिए जाएं। इसके साथ ही इस मुद्दे को एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस नहीं बनाने की भी हिदायत दी गई।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दायर की थी याचिका
कोर्ट ने यह निर्देश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका पर दिया है। इस याचिका में कहा गया था कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से एलोपैथी दवाइयों की उपेक्षा हो रही है। आईएमए ने कहा था कि पतंजलि के दावों की पुष्टि नहीं हुई है और ये ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेडेमीड एक्ट 1954 और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 जैसे कानूनों का सीधा उल्लंघन है। इस मामले की अगली सुनवाई अब पांच फरवरी 2024 को होगी। https://sarthakpahal.com/
क्या है मामला?
पतंजलि आयुर्वेद ने दावा किया था कि उनके प्रोडक्ट कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। इस दावे के बाद कंपनी को आयुष मंत्रालय ने फटकार लगाई थी और इसके प्रमोशन पर तुरंत रोक लगाने को कहा था।