
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को रेस्क्यू करने के लिए 14 दिन से कोशिशें जारी हैं लेकिन रेस्क्यू की राह में अब मुश्किल घड़ी आ गयी है, जिससे श्रमिकों को बाहर निकलाने का रास्ता अब और कठिन हो गया है। ताजा अपडेट के मुताबिक, सिल्क 11 सुरंग में ऑगर मशीन के जरिए ऑपरेशन अब बेहद मुश्किल हो गया है। मशीन के आगे अब तक की सबसे बड़ी बाधा सामने आ गई है।
सरियों के जाल में फंसी ऑगर मशीन
शुक्रवार शाम को ड्रिलिंग के दौरान सरियों का जाल मशीन के सामने आ गया जिसकी वजह से ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों के जाल में फंस गए हैं। ऑगर मशीन का अगला हिस्सा लोहे के पाइप के आखिरी मुहाने पर बुरी तरह फंस गया है। इस मशीन के ऑपरेशन में अब तक की ये सबसे बड़ी मुश्किल है। ऑगर मशीन के ब्लेड को वहां से निकलना बेहद मुश्किल हो रहा है और फिलहाल एजेंसियों के पास कोई रास्ता नहीं है कि जाल को काटकर मशीन को पीछे लाया जाए।
हालांकि मशीन में क्षमता है कि वह पाइप को दबा करके मलबे के पार ले जाए लेकिन सरिया का जाल मिलने की वजह से अब यह रास्ता भी बंद हो गया है। अब से थोड़ी देर बाद मीटिंग साइट पर सबसे बड़ी बैठक होगी, जिसमें वर्टिकल ड्रिलिंग शुरुआत करने का फैसला लिया जाएगा। ओएनजीसी, एसजीवीएनएल अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी में है।
अब दूसरे विकल्प पर चल रहा विचार
वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीन को पूरी तरह से इंस्टॉल कर लिया गया है और अब उसे ऊपर चढ़ाने की तैयारी होगी। सीमा सड़क संगठन ने वर्टिकल ड्रिलिंग की जगह पहुंचाने के लिए पहले से ही सड़क तैयार कर ली है और अब ट्रैक की मजबूती बनाते हुए सामान पहुंचाया जाएगा। थोड़ी देर बाद मीटिंग में वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर फैसला हो सकता है।
12 नवंबर से फंसे हैं मजदूर
ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था। इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए। इन्हें निकलने के लिए पिछले दिनों से रेस्क्यू अभियान जारी है। लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली। https://sarthakpahal.com/
टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे
उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं। इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर फंसे हैं।