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मां की लाश के साथ एक साल तक रहीं दो बेटियां, शव पर रोज छिड़कती थीं परफ्यूम

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वाराणसी। बनारस की एक घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। मां की लाश के साथ दो बेटियां साल भर से रह रही थीं। और हैरानी की बात ये है कि दोस्तों, रिश्तेदारों और आसपास के लोगों को इस बात की भनक तक नहीं लगी। काफी समय बीत जाने की वजह से महिला का शव कंकाल में बदल चुका था। मौके पर पहुंची पुलिस भी हैरान रह गई। बताया जाता है कि दोनों बेटियां मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। इसलिए उन्होंने मां के निधन की सूचना किसी को नहीं दी। पिता के नहीं होने की वजह से मां संग दोनों बेटियां घर में अकेली रहती थीं। शव से बदबू न फैले, इसलिए दोनों बहनें रूम फ्रेशनर, परफ्यूम और अगरबत्ती का इस्तेमाल कर रही थीं।

पड़ोसियों के शक होने पर पुलिस घर में पहुंची


दोनों की किसी से बातचीत भी नहीं होती थी। कुछ दिनों पहले पड़ोसियों को शक हुआ। खाने-पीने का सामान दोनों बेटियां पड़ोसियों से मांगती थीं। शक होने पर पड़ोसियों ने सूचना करीबी रिश्तेदारों को दी। रिश्तेदारों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिसकर्मी महिला के घर पर पहुंचे। मामले का बुधवार की रात खुलासा होने के बाद अब पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। कंकाल बने शव को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। https://sarthakpahal.com/

एक साल तक मां की लाश के साथ रही दो बेटियां
थानाध्यक्ष ने बताया कि मदरवा निवासी 52 वर्षीय महिला उषा तिवारी का निधन 8 दिसंबर 2022 को हो गया था। मृतक महिला की दो बेटियों की उम्र 19 वर्ष और 27 वर्ष है। दोनों मां की लाश के साथ रह रहीं थीं। पिछले दो साल से पति भी साथ में नहीं रहते थे। मां और बेटियां घर में अकेली रहती थीं। दोनों बेटियों का घर से बाहर निकलना कम होता था। पल्लवी मास्टर की डिग्री ले चुकी है, जबकि वैष्णवी हाईस्कूल की छात्रा है। दोनों बेटियों की मनोदशा ठीक नहीं है। फिलहाल दोनों को मिर्जापुर निवासी मौसी और मौसा के संरक्षण में दिया गया है। मौसा धर्मेंद्र की तहरीर पर ऊषा के कंकाल का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

दरवाजा तोड़कर घर में दाखिल हई पुलिस
बेटियां घर का दरवाजा नहीं खोल रही थीं। जिसके बाद पुलिस जबरदस्ती दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। घर के अंदर रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर था। कंकाल हो चुके शव के साथ दोनों बेटियां देखी गईं। आसपास के लोगों के अलावा दूर दराज से भी लोग घटना के बारे में जानकारी लेने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। पड़ोस की एक युवती का कहना है कि लगभग छह महीने पहले भी हमने पुलिस को इस संदर्भ में सूचना दी थी, लेकिन काफी इंतजार के बाद भी कोई नहीं आया था। नहीं तो मामला पहले ही खुल गया होता।

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