कोटद्वार। उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे में सात राज्यों के 41 मजदूर 17 दिनों तक सुरंग के अंदर फंसे रहे। इस दौरान टनल में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए देश के कोने-कोने से भारी भरकम मशीनें मंगाई गई। दुनिया भर के टनलिंग एक्सपर्ट उत्तरकाशी बुलाये गये। शासन-प्रशासन के साथ ही सेना को टनल में फंसे इन 41 मजदूरों को सकुशल रेस्क्यू करने के लिए जुटना पड़ा। वहीं, टनल के भीतर इन मजदूरों में कोटद्वार के गबर सिंह नेगी ने जीने की उम्मीद बनाये रखी। गबर सिंह हर दिन मजदूरों का हौसला बढ़ाते रहे। यही कारण है कि उन्हें उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का हीरो माना जा रहा है।
ईश्वर पर यकीन और दुआएं आई काम
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी मजदूरों को मेडिकल चेकअप के लिए चिनूक से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया था। जहां 24 घंटे रखने के बाद बीते रोज सभी मजदूरों को डिस्चार्ज कर दिया गया। जिसके बाद सात राज्यों के मजदूर अपने-अपने घरों के लिए रवाना हुए। इसी कड़ी में उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो रहे गबर सिंह नेगी भी आज कोटद्वार पहुंचे। घर परिवार के साथ देशवासियों का दुआओं का असर रहा कि ऐसा चमत्कार हुआ कि सभी लोग बाहर निकल आए।
उनका और उनके 40 साथियों का पुनर्जन्म हुआ : गबर सिंह
गबर सिंह नेगी के कोटद्वार पहुंचने पर भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यकारिणी ने कौड़िया में उनका भव्य स्वागत किया। कोटद्वार वासियों ने भी फूल मालाओं से गबर सिंह का अभिनंदन किया। कोटद्वार पहुंचने पर गबर सिंह ने बताया उनका और उनके 40 साथियों का पुनर्जन्म हुआ है। उन्होंने कहा भारत वर्ष के लोगों की दुआओं और प्यार के कारण वे 17 दिनों बाद केंद्र और उत्तराखंड सरकार के अथक प्रयास से सुरंग से बाहर निकल पाये। https://sarthakpahal.com/