देहरादून। उत्तराखंड में पहली बार जीरो से 17 साल तक के बच्चों में मानसिक रोग का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां पूरी कर दी हैं। सर्वे में मानसिक रोग से ग्रसित बच्चों का डाटा एकत्रित करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। अगले साल प्रदेश में वयस्क मानसिक रोगियों का भी सर्वे किया जाएगा। शुक्रवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज से इस सर्वे की शुरुआत की जाएगी।
लाइफ स्टाइल में बदलाव और ऑनलाइन गेमिंग से छोटे बच्चों में मानसिक रोग से संबंधित समस्या बढ़ रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एवं न्यूरो साइंस बंगलुरु (निम्हांस) के माध्यम से सर्वे का खाका तैयार किया है। जिसमें प्रदेश के सभी जिलों में 0 से 17 साल तक के बच्चों में मानसिक रोग का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए 15 कर्मचारियों को सर्वे का प्रशिक्षण दिया गया है।
देश में पहली बार उत्तराखंड में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर इस तरह का सर्वे किया जा रहा है। इससे मानसिक रोग से ग्रसित बच्चों का वास्तविक डाटा तैयार होगा। आने वाले समय में उत्तराखंड में होना सर्वे राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल बनेगा।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि निम्हांस के सहयोग से उत्तराखंड में बच्चों में मानसिक रोग का सर्वे किया जाएगा। अभी तक मानसिक रोग से ग्रसित बच्चों का सही आंकड़ा नहीं है। आने वाले समय में मानसिक रोगी बच्चों का डाटा तैयार होने से उनके स्वास्थ्य के लिए नीतियां बनेगी। सर्वे के लिए बच्चों में अलग-अलग मानसिक विकार और ऑप्टिजम रोगियों को पता लगाया जाएगा। https://sarthakpahal.com/