उत्तराखंड के मूल निवासियों के लिए स्थाई निवास प्रमाणपत्र जरूरी नहीं, आदेश जारी
देहरादून, 21 दिसम्बर। उत्तराखंड में मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों के लिए अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इसके लिए बाकायदा शासन की तरफ से आदेश भी जारी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस आदेश के जारी होने से उन लोगों को इसका फायदा मिलेगा, जिनके पास पहले से ही मूल निवास प्रमाण पत्र मौजूद है। इससे पहले तमाम कार्यों के लिए उन्हें स्थाई निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता से होकर गुजरना पड़ता था, लेकिन आदेश के जारी होने से मूल निवास प्रमाण पत्र धारक अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र की विभिन्न औपचारिकताओं के लिए बाध्य नहीं होंगे।
शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया था कि राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रदेश में अन्य विभिन्न कार्यों हेतु उत्तराखंड के मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को संबंधित विभागों, संस्थाओं व संस्थानों द्वारा स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जबकि इस सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग के शासनादेश संख्या 60 / CM / xxxi (13) G /07-87(3)/2007 दिनांक 28 सितम्बर 2007 के द्वारा मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों के लिये स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता न होने के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश पूर्व में ही दिये गये हैं। https://sarthakpahal.com/
जारी हुआ लिखित आदेश
इस तरह जहां पहले ही स्थाई निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को नहीं होने के निर्देश दिए गए थे तो वहीं अब शासन स्तर से भी इसका लिखित आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही राज्य में सभी विभागों और अधिकारियों को भी इस मामले में गंभीरता के साथ आदेशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अफसर को निर्देश दिए थे और इन्हीं निर्देशों के क्रम में सचिव विनोद कुमार सुमन की तरफ से आदेश जारी हुआ है।