देहरादून, 26 दिसम्बर। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से चयनित नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति पर सवाल उठने लगे हैं। चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में गड़बड़झाला होने की शिकायतें सामने आने लगी हैं। बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ की शिकायत पर शासन ने ऐसे आठ चयनित नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति पत्र सौंपे जाने पर रोक लगाने के साथ ही दस्तावेजों की जांच कराए जाने का आदेश दिया है। भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत दर्ज होने के बाद पूरी चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं।
एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों को बांटे थे नियुक्ति पत्र
उल्लेखनीय है कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में रिक्त चल रहे नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भर्ती परीक्षा कराई थी। इसके बाद बीते दिनों चयनित अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करते हुए नियुक्ति पत्र देने का सिलसिला शुरू हुआ। बीते दिनों 1376 चयनित नर्सिंग अधिकारियों में से 200 अभ्यर्थियों को सीएम धामी ने नियुक्ति पत्र बांटा था। नर्सिंग अधिकारियों के चयन के बाद भर्ती में गड़बड़ी किए जाने की शिकायतें भी सामने आने लगी हैं।
इस संबंध में बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ की ओर से शासन को शिकायत दर्ज करायी गई है कि तमाम ऐसे चयनित अभ्यथी हैं जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति ले ली है। इसलिए दस्तावेजों की जांच करने के साथ ही उनकी नियुक्ति निरस्त की जाय। इस पर उप सचिव चिकित्सा शिक्षा कृष्ण कुमार शुक्ला ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक को निर्देशित करते हुए कहा है कि इन सभी आठ चयनित नर्सिंग अधिकारियों के दस्तावेजों की विधिवत जांच करने के उपरांत ही नियुक्ति पत्र दिए जायं। बता दें कि नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती में गड़बड़झाले की बातें लगातार दर्ज करायी जा रही है।
सिर्फ उन्हीं नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे जिनके दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की खामियां नहीं हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चयनित नर्सिंग अधिकारियों का चयन निरस्त किया जाएगा। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
डॉ आर. राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव