
देहरादून, 29 दिसम्बर। सिंगली गांव में गुलदार का निवाला बने मासूम अयांश के शव की हालत देखकर हर किसी का कलेजा कांप उठा। शव की हालत ऐसी थी कि कोरोनेशन अस्पताल में पोस्टमार्टम करने आई ट्रेनी डॉक्टर भी घबराकर भाग गयी। फिर दूसरे डॉक्टर को बुलाकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी की गयी। भले ही वन महकमे ने मुआवजे के तौर परिजनों को एक लाख का चेक दे दिया गया हो, लेकिन बेटे अयांश की भरपाई नहीं हो सकती है।
मां के आंखों के सामने से अयांश को उठा ले गया था गुलदार
घटनाक्रम के मुताबिक घर पर सभी लोगों ने करीब 10:30 बजे खाना खाया। इसके बाद सभी कमरे में सोने चले गए। इसी बीच 3 साल का अयांश भी अपनी मां के साथ सोने के लिए दूसरे कमरे में जाने लगा। जैसे ही दोनों खुले बरामदे में पहुंचे तो अयांश बाहर की ओर देखने लगा। उसी समय घात लगाये बैठे गुलदार ने अयांश पर झपट्टा मार कर दबोच लिया।
अयांश को बचाने के लिए मां ने किया गुलदार का पीछा
अयांश को जबड़े में दबोच कर सामने वाले पुश्ते से कूद कर खाई में झाड़ियों के बीच चला गया। जिसे देख अयांश की मां के होश उड़ गये। घबराई अयांश की मां चिल्लाते हुए 6 फीट के पुश्ते से कूद कर गुलदार के पीछे भागी, लेकिन अंधेरा होने के कारण से गुलदार पलक झपकते ही आंखों से ओझल हो गया। इसके बाद परिजनों ने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया। साथ ही मामले की सूचना पुलिस को दी।
अयांश की हालत देख ट्रेनी डॉक्टर बाहर भागी
बाघ ने अयांश का पूरा चेहरा, दोनों पैर और एक हाथ बुरी तरह से नोच रखा था। अयांश की हालत देखकर हर किसी का कलेजा कांप उठा था। कोरोनेशन अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में एक ट्रेनी डॉक्टर जब शव का पोस्टमार्टम करने गयी तो वह शव की हालत देखकर सहम कर बाहर की तरफ दौड़ पड़ी। काफी देर तक वो घबराई हुई दिखी। उसके बाद अस्पताल के डॉक्टर प्रताप ने शव का पोस्टमार्टम किया।
वन विभाग ने परिजनों को सौंपा एक लाख रुपए का चेक
उधर, गुलदार के हमले में बच्चे की मौत होने के बाद ग्रामीण दहशत में है। हालांकि, सिंगली गांव में वन विभाग ने गश्त बढ़ा दी है और पिंजरे लगाकर गुलदार को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा वन विभाग ने आनन-फानन में मृतक के परिजनों के लिए बतौर मुआवजे के तौर पर एक लाख रुपए का चेक सौंप दिया है।
कुत्ते की गंध सूंघकर घर में पहुंचा था गुलदार
स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो अरुण सिंह के घर और आसपास कई कुत्ते हैं, जिनकी गंध से गुलदार वहां पहुंचा होगा। घर के चारों ओर जंगल होने के कारण भी गुलदार आसानी से वहां पहुंच गया होगा। गुलदार घर के पिछले हिस्से से लगती गली से होकर बरामदे तक पहुंचा था और बच्चे को उठा ले गया। जबकि, कुछ ही दूरी पर कुत्ते भी बैठे हुए थे, लेकिन गुलदार बच्चे को ही ले गया। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/