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सरकार-ट्रांसपोर्टर्स के बीच सुलह; आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म, काम पर लौटेंगे ड्राइवर्स

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नई दिल्ली, 2 जनवरी। सरकार-ट्रांसपोर्टर्स के बीच सुलह हो गयी है और आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म कम कर दी गयी है। ड्राइवर्स को तुरंत काम पर लौटने की अपील की गयी है।  मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) के अंतर्गत हिट-एंड-रन केस (Hit And Run) के मामलों के लिए नए कानून का विरोध हो रहा है। देशभर में बड़े वाहनों के ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं और चक्काजाम कर कानूनों का लागू नहीं करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रासंपोर्ट संगठन की बैठक हुई। यहां आश्वासन मिलने पर संगठन हड़ताल वापस लेने को सहमत हो गया है।

नए कानून की धारा के तहत अभी कार्रवाई नहीं होगी


अजय भल्ला ने कहा, सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून और जुर्माने के प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श किया जाएगा। ड्राइवर्स और ट्रांसपोर्टर की चिंंताओं को सुनने के बाद ही अंति निर्णय लिया जाएगा।

बैठक के बाद ट्रांसपोर्टर क्या बोले?
अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस (AIMTC) के अध्यक्ष अमृत लाल मदन ने गृह सचिव के साथ बैठक के बाद गतिरोध खत्म करने की अपील की। उन्होंने ड्राइवरों से कहा, आप सिर्फ हमारे ड्राइवर नहीं, सैनिक हैं। हम नहीं चाहते कि आप किसी भी असुविधा का सामना करें।

खुद गृह मंत्री शाह से मिला आश्वासन
उन्होंने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि सरकार, कानून के तहत 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान पर रोक लगाएगी। अमृत लाल मदन के मुताबिक अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस की अगली बैठक तक कोई कानून लागू नहीं किया जाएगा।

‘आप ड्राइवर्स नहीं, हमारे सैनिक हैं’
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृत लाल मदान ने कहा, ”आप सिर्फ ड्राइवर नहीं हैं, आप हमारे सैनिक हैं। हम नहीं चाहते कि आपको किसी असुविधा का सामना करना पड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दस साल की सजा और जुर्माने कानून को फिलहाल रोक दिया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अगली बैठक होने तक कोई कानून लागू नहीं किया जाएगा।

बैठक में दोनों पक्षों की दलीलें
ट्रांसपोर्टरों की तरफ से कहा गया कि कानून ज्यादा सख्त है, जानबूझ कर कोई दुर्घटना को नहीं करता, मौके पर भीड़ हिंसा का डर होने के कारण ड्राइवर भागता है, कानूनी प्रक्रिया बेहद लंबी व परेशानी वाली होती है, कोहरे सहित दूसरे कारणों से भी दुर्घटनाएं होती हैं उधर, सरकार की तरफ से दलील दी गयी कि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाया कानून, वक्त पर सूचना से 80% घायलों की बच सकती है जान, चालक जिम्मेदार बनें, दूर जाकर भी दे सकते हैं सूचना, पुलिस की मनमानी पर रोक के भी हैं प्रावधान, यूपी में 1,800 करोड़ के कारोबार पर असर। https://sarthakpahal.com/

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से उत्तर प्रदेश में दवाइयों, सब्जियों, डीजल-पेट्रोल सहित उपयोगी वस्तुओं की सप्लाई बाधित हुई। प्रदेश में करीब 18 सौ करोड़ रुपये का कारोबार ठप हुआ है। एक चौथाई पेट्रोल पंप खाली हो गए। दूसरे दिन रोडवेज की 41 फीसदी बसों का संचालन हो पाया। रोडवेज को 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका था।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन समेत अलग-अलग ड्राइवर संगठन के लोगों ने 1 जनवरी से 3 जनवरी तक का ‘स्टीयरिंग छोड़ो’ के नाम से चक्का जाम शुरू कर दिया था। वजह थी आपराधिक कानूनों में किए गए बदलाव के कारण हिट एंड रन केस में भी सजा बढ़ाना, जिसके चलते देशभर में ट्रक और बस चालकों ने विरोध-प्रदर्शन किया। सजा की अवधि बढ़ाए जाने के खिलाफ बस और ट्रक ड्राइवरों के साथ-साथ ऑटो चालकों ने भी मोर्चा खोल दिया। बताया गया कि हिट एंड रन केस में नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों को अब दो साल की नहीं, बल्कि 10 साल तक की जेल हो सकती है।

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