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उत्तराखंड के पहाड़ों पर कड़ाके की ठंड, नदी और झरने बर्फ से जमे

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देहरादून, 2 जनवरी। उत्तराखंड में इस समय पहाड़ों पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है, आलम यह है कि बर्फ से नदी, नाले और झरने जम गये हैं। उत्तराखंड में मौसम ने भी नए साल का स्वागत दिल खोल कर कर रहा है। नए साल के मौके पर प्रदेश के कई इलाकों में बर्फबारी हुई थी, जिससे कई जगहों का नजारा स्वर्ग सा नजर आ रहा है। इतना ही नहीं भारत-चीन सीमा पर नीति बॉर्डर के पास कई झरने जम गए है। इसके अलावा पारा गिरने से पानी फ्रीज हो गया है, जिसे देख ऐसा लग रहा है कि किसी ने शीशा रख दिया हो।
भले ही दिसंबर का महीना सूखा ही बीता हो, लेकिन नए साल पर कुदरत मेहरबान हुआ है। साल के पहले दिन ही उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी देखने को मिली। सबसे खूबसूरत नजारा चमोली जिले के नीति घाटी में देखने को मिल रही है। जहां कुदरत ने अपनी कलाकारी दिखाई है। यहां नदी नाले और झरने के पानी तक जम गए हैं।
टिम्मरसैंण महादेव मंदिर के गुफा की चट्टान पर बहता पानी जमकर आकृतियां लेने लगा है, जिससे गुफा और मंदिर का सौंदर्य निखरने लगा है।
कड़ाके की ठंड का ऐसा ही नजारा उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र में देखने को मिल रहा है, जहां बर्फबारी के बाद नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि नए साल के मौके पर हर्षिल में समय बिताने के लिए काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। सैलानी इस बार भी बर्फबारी का नजारा देख खुशी से झूम उठे। जनवरी महीने में अमूमन ऐसा ही नजारा उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में देखने को मिलता है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी, जिससे नदी नाले फ्रीज नजर आएंगे। जबकि, निचले इलाकों में शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा।
उधर, नैनीताल, मसूरी समेत अन्य पर्यटक स्थलों पर इस बार बाकी साल की मुकाबले भीड़ थोड़ी कम दिखाई दी। पुलिस की सख्ताई और भीड़भाड़ का लगातार संदेश जाने से पर्यटक कम आए हैं। सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफार्म पर भी लगातार इस बात को प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा था कि होटल एवं गेस्ट हाउस पूरी तरह से बुक हो गए हैं, जिसकी वजह से पर्यटकों ने दूसरे हिल स्टेशनों का रुख किया। https://sarthakpahal.com/

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