हरिद्वार, 4 जनवरी। पतंजलि योगपीठ के संस्थापक योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि प्राचीन सनातन शिक्षा पद्धति के केंद्र गुरुकुल को पतंजलि पांच सौ करोड़ रुपये से नया रूप प्रदान करेगा। इसमें 250 करोड़ से पतंजलि गुरुकुलम और 250 करोड़ से स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय का निर्माण किया जाएगा।
बृहस्पतिवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी रामदेव ने स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी दर्शनानंद के सिद्धांतों और संकल्पों को साकार करते हुए यह पहल की जा रही है।
गुरुकुलीय शिक्षा परंपरा को बढ़ाने पर दिया जोर
स्वामी रामदेव ने कहा कि स्वामी दर्शनानंद भारतीय गुरुकुलीय शिक्षा परंपरा में शिक्षा, भाषा बोध, विषय बोध या सूचनाओं का संग्रह मात्र नहीं है, अपितु इन सबके प्रामाणिक बोध के साथ स्वयं में सन्निहित अनन्त ज्ञान, संवेदना, असीम सामर्थ्य, शौर्य, वीरता, पराक्रम एवं पुरुषार्थ को जगाकर श्रेष्ठतम योगदान देना है। गुरुकुल में विद्याभ्यास के साथ-साथ योगाभ्यास एवं श्रेष्ठ व्रतों के अभ्यास होंगे। प्रस्तावित गुरुकुलम् में विद्यार्थियों के ब्रेन की रिप्रोग्रामिंग की जाएगी।
98 प्रतिशत अंक वाले छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप
स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि गुरुकुलम में 98 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थी को शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जाएगी। वहीं, 90 प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थी को 25 हजार रुपये वार्षिक शुल्क, 80 प्रतिशत अंक के साथ प्रवेश लेने पर 50 हजार और 75 प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थी को 75 हजार रुपये वार्षिक शुल्क पर प्रवेश दिया जाएगा। इससे कम अंक प्राप्त करने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। गुरुकुलम में वर्ष 2024 के बाद करीब पांच हजार विद्यार्थियों के अध्ययन की सुविधा होगी।
वेद, दर्शन, उपनिषद के साथ पांच भाषाओं की होगी पढ़ाई
रामदेव ने कहा कि प्रस्तावित पतंजलि गुरुकुलम् वैदिक एवं आधुनिक शिक्षा का अद्भुत समन्वय होगा। यहां आधुनिक विषयों के साथ सनातन वैदिक परंपरा के परिचायक वेद, दर्शन, उपनिषद्, श्रीमद्भगवद्गीता, पंचोपदेश आदि के अध्ययन की व्यवस्था होगी। यहां पांच भाषाओं की पढ़ाई भी कराई जाएगी।
बापू, प्रथम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक आ चुके हैं गुरुकुल
रामदेव ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने गुरुकुल परिसर में पहुंचकर स्वामी दर्शनानंद की प्रशंसा की थी। गुरुकुल में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह आदि राष्ट्र के महानायकों ने आकर स्वयं को सौभाग्यशाली समझा। https://sarthakpahal.com/