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एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के जरिए हिंडोलाखाल भेजी टीबी की दवा, दूसरा परीक्षण भी सफल

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ऋषिकेश, 6 जनवरी। एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के जरिए हिंडोलाखाल दवाई भेजकर एक और सफल परीक्षण किया गया। एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने पर लगातार काम कर रहा है। जहां ड्रोन के जरिए दुर्गम इलाकों तक आवश्यक दवाइयों को पहुंचाने का ट्रायल किया जा रहा है। इस दौरान एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के जरिए टीबी की दवाएं टिहरी जिले के सीएचसी हिंडोलाखाल भेजी गई।

एम्स ऋषिकेश के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने शुक्रवार को एम्स हेलीपैड से दोपहर करीब 11.30 बजे ड्रोन सेवा को रवाना किया। यह ड्रोन करीब 34 मिनट में 47 किलोमीटर की दूरी तय कर दोपहर 12.17 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हिंडोलाखाल पहुंचा। इस ड्रोन में टीबी की दवाइयां भेजी गई। ऐसे में सफलतापूर्वक दवाइयां ड्रोन के जरिए देवप्रयाग के हिंडोलाखाल पहुंची है।

बताया जा रहा है कि एरियल डिस्टेंस के लिहाज से आज की ड्रोन फ्लाइट ने अब तक की सबसे लंबी दूरी तय की। एम्स ऋषिकेश की ड्रोन हेल्थ सर्विसेस के नोडल ऑफिसर डॉक्टर जितेंद्र गैरोला का कहना है कि राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से संस्थान में टेलीमेडिसिन सेवा संचालित हो रही है। अब ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर दिया जा रहा है, ताकि, उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इमरजेंसी मेडिसिन, रक्त संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाए। https://sarthakpahal.com/

इसके अलावा चारधाम यात्रा के समय आपात स्थितियों और हाई एल्टीट्यूड एरिया में मेडिसिन पहुंचाने में आसानी होगी। साथ ही सीएचसी सेंटर, जिला अस्पतालों समेत अन्य दुर्गम क्षेत्रों की मैपिंग योजना पर काम किया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले भी एम्स ऋषिकेश से टिहरी और कोटद्वार ड्रोन के जरिए दवाइयों को भेजने का ट्रायल किया जा चुका है।

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