सरकारी और निजी सभी स्कूलों में साल में दस दिन बिना बस्ता के जायेंगे बच्चे
देहरादून, 10 जनवरी। उत्तराखंड के सरकारी और निजी विद्यालयों में बस्ते के बोझ को कम करने के लिए साल में दस दिन बस्ता मुक्त दिवस रहेगा। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के मुताबिक हर महीने के अंतिम शनिवार को यह योजना लागू होगी। इस योजना के तहत छात्र-छात्राएं बिना बस्ते के स्कूल जाएंगे। जहां वह अपनी इच्छानुसार विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे।
सभी विद्यालयों में लागू की जा रही है बस्ता मुक्त दिवस योजना
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रदेश के सभी विद्यालयों में बस्ता मुक्त दिवस योजना लागू की जा रही है। योजना उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह से कक्षा-12 वीं तक लागू की जाएगी। प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में यह योजना पहले से ही ‘प्रतिभा दिवस’ के रूप में संचालित की जा रही है। जिसके तहत भाषा, गणित विज्ञान, खेलकूद, कला, क्राफ्ट, श्रम के कार्य व व्यायाम, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अभिरूचि की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
बस्ता मुक्त दिवस पर ये गतिविधियां होंगी
बस्ता मुक्त दिवस पर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जैविक रूप की गतिविधियों में छात्र-छात्राओं को मृदा प्रबंधन और मिट्टी के प्रारंभिक कार्य, कृषि, बागवानी की विभिन्न पद्धतियां सिखाई जाएंगी। इसी तरह मशीन और सामग्री के तहत छात्रों को कागज, लकड़ी, मिट्टी, कपड़ा, पेंट, स्याही जैसी सामग्रियों का उपयोग करके हस्तशिल्प कार्य एवं आधुनिक मशीनों सहित प्रारंभिक मशीनों का उपयोग करना बताया जाएगा।
कुशल संवाद की अभिरूचि और टीमों में काम करने की योग्यता, स्वास्थ्य देखभाल और आतिथ्य के आधार सहित बुनियादी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी कौशल सिखाया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों में जैविक रूप कार्यों के तहत प्रकृति अनुकूल कृषि, प्रकृति संरक्षण, नर्सरी प्रबंधन, पशुधन पालन, वित्तीय सेवाएं, सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल एवं उद्योग संबंधी जानकारी छात्र-छात्राओं को दी जाएगी। https://sarthakpahal.com/
बच्चों को व्यावसायिक गतिविधियों से भी कराया जायेगा रूबरू
मशीन व सामग्री के तहत छात्रों को सिलाई, बढ़ईगिरी, वेल्डिंग और कास्टिंग, मिट्टी के बर्तन, स्थानीय कला व रोबोटिक मशीनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मानवीय सेवाओं के तहत छात्रों को स्वास्थ्य देखभाल, बिजली का काम, परिवहन सेवाएं, विक्रय और विपणन, आतिथ्य और पर्यटन, इंटरमीडिएट सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।