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चीला हादसे में जान गंवाने से पहले मुस्कराते हुए चेहरे बयां कर रहे उनके जिंदादिल होने की कहानी video

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ऋषिकेश, 11 जनवरी। ऋषिकेश के चीला बैराज के पास हुए हादसे में वन अधिकारियों के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को लेकर नई बात सामने आयी है। इलाज करा रहे कंपनी के वाहन चालक का कहना है कि चढ़ाई पर वाहन में अचानक जोर की अचानक आई और वाहन अनियंत्रित होकर पहले पेड़ से और बाद में चीला नहर के पैराफिट से जा टकराया। इसके बाद वाहन के अधिकांश लोग छिटकरकर इधर-उधर गिर गये। उनका कहना है कि हादसे से पहले वाहन से जोरदार आवाज आई थी। यह पता नहीं है कि आवाज टायर फटने की थी या किसी पार्ट के टूटने की।

चीला हादसे में हमने दो हंसमुख और जिंदादिल अधिकारियों को खो दिया। युवा और ऊर्जावान महिला अधिकारी वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी चीला नहर में लापता हैं। इस हादसे से पहले का वीडियो आप भी देखेंगे तो यकीन नहीं कर पाएंगे कि उम्मीद और जोश से भरे ये चेहरे आखिर पलभर में कहां चले गए। चीला हादसे में हमने जिन अधिकारियों को खो दिया, उनका वीडियो ही अब उनकी आखिरी निशानी बन गया है। इस वीडियो को देखकर हर किसी का दिल भर आ रहा है। इसमें एक झलक हादसे के बाद की भी है, जिसमें दिख रहा दुर्घटना का मंजर दिल को दहला देने वाला है।

पहले वाहन असंतुलित हुआ, फिर दो बार टक्कर
ऋषिकेश क्षेत्र में चीला बैराज के पास वन विभाग के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की कहानी चालक अमित सेमवाल और हिमांशु गुसाईं ने बयान की है। भीषण हादसे में अमित व हिमांशु घायल दोनों घायल हो गए थे। हालांकि, इस दुःखद हादसे में वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) शैलेश घिल्डियाल और उप वन क्षेत्राधिकारी (डिप्टी रेंजर) प्रमोद ध्यानी, सैफ अली खान और कुलराज की जान चली गई। दूसरी तरफ सहायक वन संरक्षक/वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी चीला शक्ति नहर में गिर गईं। दुर्घटना में राजाजी नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ राकेश नौटियाल, अंकुश व वाहन चला रहे अश्वनी बीजू भी घायल हो गए।

अमित व हिमांशु का कहना है कि सभी चीला रेंज से इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन से सफारी कर लौट रहे थे। इसी दौरान अधिकारियों ने सड़क पर भी वाहन का ट्रायल करने की बात कही। चीला बैराज के पास की चढ़ाई वाले भाग को पार करते समय वाहन अचानक असंतुलित हो गया और सड़क किनारे पेड़ से जा टकराया। इसके बाद भी वाहन रुका नहीं और चीला नहर के पैराफिट से जा टकराया। इस टक्कर में वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी छिटककर नहर में जा गिरीं। जबकि रेंजर शैलेश घिल्डियाल व डिप्टी रेंजर प्रमोद ध्यानी बुरी तरह चोटिल होने के साथ ही बेहोश हो गए। डॉ राकेश नौटियाल, सैफ अली खान और अंकुश को भी गंभीर चोटें आई थीं।

अश्वनी बीजू चला रहा था वाहन, अधिकारी दूसरी व तीसरी सीट पर थे
विभागीय वाहन चालकों के मुताबिक वाहन को कंपनी का चालक अश्वनी बीजू चला रहा था। उसके बगल की फ्रंट सीट पर हमांशु गुसाईं बैठे थे। दूसरी सीट पर चालक अमित सेमवाल रेंजर शैलेश घिल्डियाल और डिप्टी रेंजर प्रमोद ध्यानी के साथ बैठे थे। वाहन की तीसरी सीट पर पशु चिकित्स्क डॉ राकेश नौटियाल और वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी सवार थे। वहीं, वाहन के सबसे पीछे सैफ अली खान, कुलराज व अंकुश खड़े थे। https://sarthakpahal.com/

परिवहन विभाग ने की जांच, प्रथम दृष्टया चालक की लापरवाही
परिवहन विभाग की तकनीकी टीम ने चीला में हादसे वाले स्थल पर पहुंचकर जांच की। प्रथम दृष्टया वाहन दुर्घटना का कारण चालक के वाहन से नियंत्रण खोना बताया गया है। सरकार व शासन की ओर से नियुक्त जांच अधिकारी के रूप में एआरटीओ कोटद्वार निखिल शर्मा, आरआई पौड़ी आनंद वर्धन घटनास्थल पर पहुंचे। मौके की गहन जांच की गई। उनका कहना था कि वाहन अत्यधिक गति में होने के कारण सीधा पेड़ से टकराया और उसके बाद 90 डिग्री दायीं ओर मुड़ गया और सीधा नहर के पुश्ते से टकरा गया।

टायर फटना दुर्घटना का कारण नहीं
उन्होंने बताया कि दुर्घटना का कारण टायर फटना नहीं है। यदि टायर फटा होता तो काफी दूरी तक वाहन के घिसटने के निशान मौके पर होते, मगर ऐसा कुछ नहीं मिला। पेड़ से टकराने के बाद संभवत टायर फटा है। आरआई पौड़ी आनंद वर्धन के अनुसार डिटेल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। मौके पर की गई जांच में वाहन के ब्रेक पेडल ठीक से काम करते मिले, स्टीयरिंग टूट गया था। दुर्घटना के बाद पिछला एक चक्का भी क्षतिग्रस्त हुआ है। जांच टीम में सहायक महाप्रबंधक परिवहन निगम कोटद्वार राकेश कुमार भी शामिल थे।

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