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सभी भक्त भगवान राम की वापसी पर वीडियो बनाकर #ShriRamHomecoming पर करें पोस्ट

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अयोध्या, 17 जनवरी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ने लोगों से अपील की है कि वो इस आयोजन को लेकर अपने विचार और भावनाओं #ShriRamHomecoming पर व्यक्त करें। ट्रस्ट ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को भी कहा है।

वीडियो #ShriRamHomecoming प्लेटफार्म पर पोस्ट करनी है
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ने एक्स पर एक पोस्ट लिख जानकारी दी है कि प्रभु श्री राम अपनी जन्मस्थली पर पांच शताब्दियों के पश्चात पुन: पधार रहे हैं। इस पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए सम्पूर्ण ब्रह्मांड उत्सुकता से प्रतीक्षा में है। प्रभु श्री राम के स्वागत की भव्यता को बढ़ाने के लिए, हम दुनिया भर के सभी रामभक्तों से एक लघु वीडियो के माध्यम से इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में अपने विचार और भावनाएं व्यक्त करने का आग्रह करते हैं। आप ये वीडियो अपने पूरे नाम, जगह और संक्षिप्त व्यक्तिगत नोट के साथ #ShriRamHomecoming लिखकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर सकते हैं। आईए, सभी मिलकर सामूहिक रूप से एकता के सबसे बड़े सूत्रधार भगवान श्रीराम के आगमन का उत्सव मनाएं।

दोपहर 12:20 बजे प्रारंभ होगा प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे प्रारंभ होगा। प्राण प्रतिष्ठा की यह पूजा 40 मिनट तक चलेगी। इसके बाद करीब 75 मिनट पीएम मोदी, सीएम योगी, संघ प्रमुख मोहन भागवत संदेश देंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास आशीर्वाद देंगे।

अरुण योगीराज की मूर्ति बिराजेगी
कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति रामलला के दरबार में विराजेगी। अरुण रोजाना 18 घंटे काम करते थे, करीब सात महीने में उन्होंने रामलला की अचल मूर्ति गढ़ी है। रोजाना काम शुरू करने से पहले राम जी की आरती-पूजा व हनुमान चालीसा का पाठ करते थे। 15-15 दिन तक परिवार से बात नहीं करते थे। सात महीने के कठिन परिश्रम के रामलला की मूर्ति बनकर तैयार हुई है। अरुण योगीराज मूलत: कर्नाटक के मैसूर से हैं। उनके परिवार में एक से बढ़कर एक मूर्तिकार रहे हैं। उनकी पांच पीढि़यां मूर्ति बनाने या तराशने का काम कर रही हैं। https://sarthakpahal.com/

चयनित मूर्ति की विशेषताएं
-श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है, यह जल रोधी होती है।
-चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी।
-पैर की अंगुली से ललाट तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है।
-चयनित मूर्ति का वजन करीब 150 से 200 किलो है।
-मूर्ति के ऊपर मुकुट व आभामंडल होगा।
-श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं।
-मस्तक सुंदर, आंखे बड़ी और ललाट भव्य है।
-कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर व धनुष होगा।
-मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलकेगी।

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