नीति घाटी में तैनात उत्तरकाशी के राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत शहीद
उत्तरकाशी, 17 जनवरी। उत्तराखंड में उत्तकाशी के कुमराड़ा गांव निवासी भारतीय सेना की गढ़वाल स्काउट में राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए। उनके बलिदान की सूचना से गांव व क्षेत्र में शोक की लहर है। बुधवार को बलिदानी राइफलमैन शैलेंद्र का पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा। जहां पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
घर का इकलौता चिराग था शैलेंद्र
बताया कि शैलेंद्र घर का इकलौता चिराग था। उसकी दो छोटी बहने हैं। दो माह पहले ही उसके पिता कृपाल सिंह कठैत के निधन पर वह घर आए थे। यहां पिता का अंतिम संस्कार कर ड्यूटी पर लौटा थे। उनके बलिदान से उसकी पत्नी अंजू और मां ध्यान देई का रो-रोकर बुरा हाल है। शैलेंद्र की पांच और एक वर्ष की दो छोटी बेटियां हैं।
नीति घाटी में हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, भारत चीन सीमा पर नीति घाटी की गोल्डुंग पोस्ट में तैनात गढ़वाल स्काउट के राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत बीती रोज अपने साथियों के साथ गश्त पर थे, तभी उनके साथ हादसा हो गया और वीरगति को प्राप्त हो गए। सैन्य अधिकारियों ने राइफलमैन शैलेंद्र के वीरगति को प्राप्त होने की सूचना फोन से जैसे ही उनके परिजनों को दी, वैसे ही गांव और पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया।
बर्फ की चपेट में आने से हुआ निधन, हाल ही में हुई पिता की मौत
बलिदानी राइफलमैन शैलेंद्र कठैत के चाचा अतर सिंह कठैत के मुताबिक, सैन्य अधिकारियों ने उन्हें बताया कि शैलेंद्र बर्फ की चपेट में आ गया था. जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि शैलेंद्र घर का इकलौता चिराग था। उनकी दो छोटी बहनें हैं। जबकि, दो महीने पहले ही राइफलमैन शैलेंद्र पिता कृपाल सिंह कठैत के निधन पर घर आए थे। यहां पिता का अंतिम संस्कार कर वापस ड्यूटी पर लौटे थे। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
दो बेटियों के सिर से उठा पिता का साया
वहीं, राइफलमैन शैलेंद्र कठैत के निधन पर उनकी पत्नी अंजू और मां ध्यान देई का रो रोकर बुरा हाल है। शैलेंद्र की पांच और एक साल की दो छोटी बेटियां हैं। अब राइफलमैन शैलेंद्र का पार्थिव शरीर श्रीनगर से गांव लाया जाएगा। जहां गांव के पास भागीरथी नदी तट पर सैन्य सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।