नई दिल्ली, 26 जनवरी। स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में बड़ी पहल हुई है। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआईसी) ने कैशलेस एवरीव्हेयर मुहिम की शुरुआत की है। इस मुहिम के तहत पॉलिसीधारक किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज करा सकेंगे, चाहे वह अस्पताल बीमा कंपनी की सूची में शामिल न भी हो। अब कोई अस्पताल नेटवर्क का बहाना बना कर इलाज से इन्कार नहीं कर सकता। यह सुविधा तुरंत लागू हो गई है।
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) ने पॉलिसी होल्डर्स के हित में यह फैसला लिया है। काउंसिल ने जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के साथ बातचीत के बाद ‘कैशलेस एवरीव्हेर’ इनीशिएटिव शुरू किया है। इसमें देश के किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा देने पर सहमति बनी है। पहले जो अस्पताल कंपनी के नेटवर्क में शामिल नहीं थे, वहां इलाज कराने पर पॉलिसीधारक को पूरा पैसा खुद चुकाना पड़ता है। बाद में बीमा कंपनी से वह पैसा लेना होता था। ऐसी स्थिति में जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं होते हैं, उनको दिक्कत होती है। इसमें दावा करने में काफी समय लग जाता है। उसके बाद बीमा कंपनी दावों के सत्यापन व अन्य प्रक्रियाओं में भी समय लगाती है।
48 घंटे पहले देनी होगी जानकारी
आपात स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को इसकी जानकारी देनी होगी। गैर-नेटवर्क अस्पताल में शुल्क उन दरों पर आधारित होगा जो अस्पताल मौजूदा सूचीबद्ध बीमा कंपनी से लेता है। 15 बिस्तरों वाले और क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत संबंधित राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ पंजीकृत अस्पताल इस कैशलेस भर्ती की पेशकश कर सकते हैं।
क्या है नए नियम में
‘कैशलेस एवरीव्हेर’ इनीशिएटिव के तहत बीमाधारक उस अस्पताल में भी कैशलेस इलाज करा सकेंगे, जो कंपनी के नेटवर्क में शामिल नहीं है। आपकी बीमा कंपनी इस बात के लिए बाध्य होगी कि वह अस्पताल में किए गए इलाज का भुगतान करे, भले ही वह इस्पताल उसके नेटवर्क में आता हो या नहीं।