
देहरादून, 21 फरवरी। उत्तराखंड के कला जगत संगीत जगत के लिए बड़ी दुखद खबर है वीरभड माधो सिंह भंडारी और उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री गीता उनियाल का निधन हो गया। ये जानकारी पर्वतीय नाट्य मंच के अध्यक्ष अभिनेता बलदेव राणा ने अपने फेसबुक के माध्यम से दी। उन्होंने जानकारी दी की गीता ने अपने आवास पर आख़री सांस ली। आपको बता दें गीता उनियाल पिछले कई वर्षों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। गीता उनियाल का निधन उत्तराखंड की संस्कृति के लिए बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई शायद ही कोई कर सके।
कैंसर से पीड़ित थी गीता उनियाल
गीता उनियाल बताती हैं कि 2020 में उन्हें कैंसर ने जकड़ लिया था। एक बार सफल सर्जरी होने के बाद दोबारा वे कैंसर ग्रसित हो गईं। उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री में उनका सफर 20 साल का है। जिसमें वे 5 बड़े पर्दे की फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। इन 20 साल में उन्होंने अनगिनत गढ़वाली म्यूजिक एल्बम में भी काम किया था। गीता ने उत्तराखंडी गीतों में अपने अभिनय से ये मुकाम हासिल किया था औऱ दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी। फैंस उन्हें और उनके अभिनय को काफी पसंद करते हैं। गीता नौपटिया घघरी, स्याली रोशनी, तेरी खुद समेत कई उत्तराखंडी गीतों में अपने अभिनय की छाप छोड़ चुकी हैं। https://sarthakpahal.com/
गीता 2002 से लगभग 300 से ज्यादा एलबम्बों व 15 गढवाली फीचर फिल्मों में काम कर चूकी थीं। जिसमें प्रमुख एलबम नोनी भावना, बिन्दूली, बावन गढ की बन्दोला। इसके अलावा 15 फिल्मों में कार्य कर चुकी हैं। गीता उनियाल का निधन उत्तराखंड की संस्कृति और कला जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनका योगदान उत्तराखंड के सांस्कृतिक विरासत में अद्वितीय है, जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता। उनका निधन एक अमूल्य क्षति है, जिसकी रोशनी हमेशा हमारे संगीत मंचों पर चमकती रहेगी।