
एक साल से गुजरने के बाद भी जब काफी मान मनौव्वल पर भी जब किसान अपने इरादे से टस से मस नहीं हुए तो आखिरकार केंद्र सरकार को अपने हथियार डालने ही पड़े। चूंकि अगले साल इन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, जहां के अधिकतर किसान सीमाओं पर लंगर डाले हुए थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैं देश वासियों के क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूं कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाए। आज गुरू नानक जी का पवित्र प्रकाश पर्व है। आज मैं आपको यह बताने आया हूं, कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।
राकेश टिकैत: प्रधानमंत्री ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी बनाने और बिजली अमेंडमेंट समेत अन्य मुद्दों पर अभी बात होनी बाकी है। फिलहाल संयुक्त मोर्चा प्रधानमंत्री की घोषणा को लेकर बातचीत कर रहा है, आगे की रणनीति जल्द बताई जाएगी।
राहुल गांधी: ‘देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो!’