देहरादून, 8 मार्च। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने उत्तराखंड के पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर चिंतित है। देश में जर्नलिस्ट का सबसे बड़े संगठनों में से एक PCI ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि निराधार आरोप लगाकर आशुतोष नेगी को गिरफ्तार किया गया है। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
PCI ने आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर चिंता जताई
उत्तराखंड पुलिस ने बिना आरोपों की पुष्टि के आशुतोष नेगी पर राज्य सरकार और पुलिस के खिलाफ अविश्वास पैदा करने का आरोप लगाया है। रिपोर्टों के अनुसार आशुतोष नेगी ने एक नागरिक पत्रकार के रूप में अंकिता भंडारी के परिवार के लिए जल्द न्याय की चिंता जताई है, जिसकी कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। पुलिस प्राथमिक अपराध की जांच पर काम करने के बजाय, आशुतोष नेगी के साथ एक सामान्य अपराधी की तरह व्यवहार कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई से पीसीआई नाराज
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि उत्तराखंड सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना प्रत्येक नागरिक का जरूरी अधिकार है। पत्रकार तो सवाल उठाने के साथ ही अपने कर्तव्यों का पालन कर लोकतंत्र को जीवित और जीवंत बनाए रखने के लिए सत्ता के सामने सच बोलते हैं। पीसीआई के अनुसार उत्तराखंड पुलिस ने कहा है- आशुतोष नेगी जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं पर संदेह है। हम अशुतोष नेगी की गतिविधियों की जांच कर रहे हैं, जो एक साजिश का हिस्सा और कठोर कार्रवाई मालूम पड़ती है।
आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी का मामला
आशुतोष नेगी को पौड़ी पुलिस ने 5 मार्च को 2022 के पुराने मामले में एससी एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। आशुतोष नेगी से पहले एक और पत्रकार की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, जो फिलहाल पौड़ी जेल में बंद है। दरअसल पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के पयासू गांव निवासी राजेश सिंह कोली राजा ने मई 2022 में एसपी और डीएम पौड़ी को एक शिकायत भेजी थी. इसमें शिकायतकर्ता ने 4 लोगों पर मारपीट, गाली गलौज, जान से मारने की धमकी और सोशल मीडिया में जाति सूचक शब्दों के उपयोग का आरोप लगाया था। पुलिस ने इसी मामले में आशुतोष नेगी को गिरफ्तार किया है, लेकिन आशुतोष की गिरफ्तारी की टाइमिंग विवादों में है, क्योंकि वो लगातार अंकिता भंडारी मर्डर मामले में उसके परिवार के साथ न्याय की मांग कर रहे थे।